कुरुक्षेत्र ( बातों बातों में / रणदीप रोड़)
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के निर्देशानुसार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सभी सम्बन्धित कॉलेजों तथा विश्वविद्यालय में वर्ष 2023-24 सत्र से लागू करने के लिए एक उच्च स्तरीय कोर कमेटी, कॉलेजों के प्राचार्यो, डीन तथा संकायों के अधिष्ठाता की एक बैठक का आयोजन शुक्रवार को किया गया।
इस बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत् स्नातक स्तर पर शिक्षा की रूपरेखा प्रस्तुत की गई और विस्तृत चर्चा हुई। ज्ञातव्य है कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय अपने कैम्पस में एनईपी-2020 को सत्र 2022-2023 में पहले ही लागू कर चुका है। राष्ट्रीय स्तर पर यूजीसी से प्राप्त दिशा-निर्देशित यूजी करिकुलम फ्रेमवर्क के अनुसार तैयार किए गए फ्रेमवर्क और आर्डिनेंस को कॉलेज प्राचार्यो से प्रतिक्रिया लेने हेतु इस बैठक का आयोजन किया गया।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने बताया कि एनईपी के अनुरूप बनाए गए इस फ्रेमवर्क में हर विद्यार्थी को स्किल डेवलपमेंट, इंटर्नशिप के माध्यम से रोजगारोन्मुखी शिक्षा देने तथा आत्मनिर्भर बनाने के लिए तीन स्किल इन्हांसमेंट कोर्सिज, भारतीय मूल्यों एवं ज्ञान आधारित चार वेल्यू एडिड कोर्सिज और भाषा व संचार प्रवीनता हासिल करने हेतु चार एबिलिटी एनहांसमेंट कोर्सिज का प्रावधान किया गया है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास करना है अर्थात् आत्मा, वाणी और मस्तिष्क का विकास। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान देने के साथ विद्यार्थियों में नवाचार विकसित करना है।
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने बताया कि आने वाले सत्र से यूजी विद्यार्थी स्नातक स्तर पर एक मेजर विषय, एक माईनर अथवा दो मेजर प्रोग्राम्स के तहत् शिक्षा अर्जित करेंगे। प्रत्येक प्रोग्राम में 9 क्रेडिट मल्टी डिसिपलनरी कोर्सिज, 8 क्रेडिट एबिलिटी इन्हांसमेंट कोर्सिज, 9 स्किल इन्हांसमेंट कोर्सिज, 8 वेल्यू एडिड कोर्सिज होंगे। विद्यार्थी को एक वर्ष अथवा दो वर्ष अथवा तीन वर्ष के बाद एक्जिट आप्शन मिलेगा। किसी भी सर्टिफिकेट/डिप्लोमा/डिग्री को प्राप्त करने से पूर्व 4 क्रेडिट की इंटर्नशिप करना आवश्यक होगा जिसकी अवधि 4 से 6 सप्ताह की होगी।
डीन एकेडमिक अफेर्यस प्रो. अनिल वशिष्ठ ने बताया कि यदि विद्यार्थी एक मेजर, एक माईनर प्रोग्राम को चुनता है तो उसे मेजर विषय में 60 क्रेडिट अर्जित करने होंगे। उसके साथ चयनित माईनर विषय में 26 क्रेडिट अर्जित करने होंगे। इस प्रकार 3 साल की स्नातक डिग्री में वह कुल 124 क्रेडिट अर्जित करके 3 साल की डिग्री के लिए पात्र होगा।
प्रो. अनिल वशिष्ठ ने बताया कि यदि कोई विद्यार्थी 2 डबल मेजर प्रोग्राम चुनता है तो प्रत्येक मेजर विषय में 48 क्रेडिट अर्जित करने के साथ कुल 134 क्रेडिट अर्जित करने के बाद 3 वर्षीय स्नातक डिग्री के लिए पात्र होगा। एनईपी-2020 के अनुसार विद्यार्थी 4 वर्षीय डिग्री प्रोग्राम आनर्स अथवा आनर्स विद रिसर्च में भी कर सकेंगे। आनर्स विद रिसर्च डिग्री प्रोग्राम के लिए 3 वर्षीय डिग्री में 7.5 सीजीपीए का होना अनिवार्य है।
इस मौके प्रो. अनिल वशिष्ठ, कोर कमेटी के सदस्य प्रो. ब्रजेश साहनी, प्रो. अनिता दुआ, प्रो. ओमवीर सिंह, डॉ. सुमन मेंहदिया, प्रो. दिनेश कुमार, संकायों के डीन, प्रो. संजीव गुप्ता, एसडी कालेज अम्बाला के प्रिंसीपल डॉ. राजेन्द्र राणा, आरकेएसडी कॉलेज कैथल के प्रिंसीपल डॉ. संजय गोयल, डीएवी कॉलेज, पिहोवा के प्रिंसीपल डॉ. कामदेव झा, डीएवी कॉलेज फॉर गर्ल्स, यमुनानगर के प्राचार्य डॉ. मीनू जैन, दयाल सिंह कॉलेज के प्रिंसीपल तथा एसडी कॉलेज पानीपत के प्रतिनिधि मौजूद थे।