बनारसी दास गुप्ता के संघर्ष की कभी भूलाया नही जा सकता: सुमित गर्ग

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कुरुक्षेत्र (बातों बातों में /हरियाणा डेस्क)

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बनारसीदास गुप्ता की पुण्यतिथि पर वैश्य अग्रवाल समाज के प्रवक्ता सुमित गर्ग ने नमन करते हुए , इनके जीवन सफर पर प्रकाश डाला। सुमित ने बताया की इनका जन्म 5 नवम्बर 1917 को हरियाणा के भिवानी मे हुआ। इनकी शिक्षा कितलाना , चरखी दादरी, व पिलानी मे हुई। राष्टपिता महात्मा गाँधी व जवाहर लाल नेहरू से प्रेरणा लेकर ये देशी रियासतों की दमनकारी नीतियों का विरोध करने के लिए प्रजामंडल आंदोलन मे भाग लेने लगे। इनकी गतिविधिया देखकर जींद रियासत मे इन्हे 1941 मे गिरफ्तार करके फरीदकोट जेल मे बंद कर दिया। भारत छोड़ो आंदोलन मे भी इन्होने भाग लिया और 1942 से 1944 तक जेल मे बंद रहे । आजादी के बाद इन्होने जींद रियासत को भारत मे शामिल करने के लिए आंदोलन शुरू किये और वहां समानांतर सरकार बनाई।  तत्कालीन गृहमंत्री सरदार पटेल द्वारा जींद रियासत को पंजाब मे सम्मिलित करने के समझौते के बाद ही इन्होने इस आंदोलन को समाप्त किया।अपने राजनितिक जीवन मे ये कई बार विधायक बने, विधानसभा अध्यक्ष बने,उप मुख्यमंत्री बने व राज्यसभा का सदस्य बने। 1975  मे हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। इनकी छवि मे प्रकृति प्रेमी, एक कुशल राजनेता, शिक्षाविद, समाजसेवी व पत्रकार की छाप रही। आज उनकी पुण्य तिथि पर हम उनको शत शत नमन करते है।

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