कुरुक्षेत्र ( बातों बातों में / हरियाणा डेस्क ) कुरुक्षेत्र विष्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के महिला अध्ययन शोध केन्द्र, द्वारा कुरुक्षेत्र विष्वविद्यालय एल्यूमनी एसोसिएषन के सहयोग से महिला नेतृत्व पर आनॅलाईन विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें जींद जिले के बीबीपुर गांव के पूर्व सरपंच सुनील जागलान ने व्याख्यान दिया।
सुनील जागलान कुरुक्षेत्र विष्वविद्यालय के ही पूर्व छात्र हैं। वे महिला सषक्तिकरण, महिला शिक्षा , स्वास्थ्य, महिला अधिकार आदि मुद्दों पर नित नये अभियान चलाते रहे हैं। उनका सेल्फी विद डॉटर अभियान काफी प्रसिद्धि हासिल कर चुका है। उन्होंने अब लाडो पंचायत अभियान चलाया हुआ है जिसमें वे युवा लड़कियों को नेतृत्व कोशल सिखा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमें अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद इस बात पर जरूर विचार करना चाहिए कि हम समाज को किस प्रकार इस शिक्षा द्वारा लाभान्वित कर सकते हैं। वर्ष 2010 में जींद जिले के बीबीपुर गांव का सरपंच चुने जाने के बाद से ही पिछले एक दषक से भी ज्यादा समय से वे लड़कियों के अधिकारों हेतु 100 से भी ज्यादा अभियान चला चुके है। उन्होंने कुछ अभियानों से संबंधित अपने अनुभव विद्यार्थियों के साथ सांझा किए और कहा सिर्फ किताबी ज्ञान ही काफी नहीं होता, समाज की बेहतरी के लिए उस ज्ञान से समाज की समस्याओं का हल निकालना भी जरूरी है। उन्होंने बेटी बचाओं अभियान के द्वारा समाज का लड़कियों के प्रति नजरिया बदलने का प्रयास किया।
इसके साथ ही उन्होंने अपने कुछ अन्य अभियानों जैसे लाडो चबूतरा, लाडो पुस्तकालय, सेल्फी विद डाटर, लड़कियों के नाम की घरों की प्लेट, गाली बंद गांव, पीरियड चार्ट, लड़कियों की शादी की उम्र, स्पाई टीम, टीम लाडो आदि का जिक्र किया। जिसके माध्यम से वे लड़कियों की षिक्षा, लड़कियों द्वारा पंचायत में भागीदारी, लड़कियों का सम्पत्ति में अधिकार, लडकियों का सम्मान, स्वास्थ्य, घरेलू हिंसा से बचाव आदि विषयों पर समाज में जागृति लाने के प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके सभी अभियान जीरे लागत माडल पर आधारित हैं। जिसमें बिना किसी निवेष के देषभर की लाखों लड़कियां जुड़ चुकी हैं।
सुश्री तनुश्री ने महिला स्वास्थय को लेकर किये गये प्रयासों को भी विद्यार्थियों के साथ साझा किया। कार्यक्रम में विष्वविद्यालय के लगभग 70 विद्यार्थियों उपस्थित थे। उन्होंने जागलान जी के अनुभवों को रुचि व उत्साह के साथ सुना तथा समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को महसूस किया। व्याखयान के अन्त में शोध अधिकारी डा. वन्दना दवे ने सबका धन्यवाद किया। इस अवसर पर प्रो0 निर्मला चैधरी, डा. पूनम, अंजू रानी आदि उपस्थित थे।