कुरुक्षेत्र ( बातों बातों में / हरियाणा डेस्क ) श्री ब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा ने प्रस्ताव पारित करके हरियाणा के महामहिम राज्यपाल एवं कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के चेयरमैन श्री बंडारु दत्तात्रेय से मांग की है कि पवित्र ब्रह्मसरोवर में प्रस्तावित नौका विहार के प्रस्ताव को अनुमति न दी जाए। सभा की बैठक सन्निहित तीर्थ तट पर स्थित रेणुका सदन में रेलवे रोड पर हुई। इस बैठक की अध्यक्षता सभा के प्रधान पंडित पवन शर्मा पोनी ने की। बैठक में दुनियाभर के हिंदु धर्म के लोगों के लिए आस्था के प्रमुख केंद्र एवं भारत के प्रमुख तीर्थ पवित्र ब्रह्मसरोवर में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा पर्यटन विभाग के साथ मिलकर नौका विहार शुरु करने की योजना का पुरजोर विरोध किया गया। सभा की कार्यकारिणी की बैठक में सभी सदस्यों ने एकमत से इस योजना का विरोध करने और आस्था के केंद्रों को पर्यटन की बजाए तीर्थाटन के रुप में ही विकसित करने का प्रस्ताव पारित किया। सभा के सदस्यों ने भी इस पर सहमति जताते हुए कहा कि तीर्थ आस्था के केंद्र हैं और उनकी गरिमा को ठेस न पहुंचे,उसी परंपरा से इनका विकास और जीर्णोद्धार होना चाहिए,ना कि इन जगहों को पिकनिक स्पाट के रुप में विकसित कर वहां श्रद्धा और आस्था पर चोट करने का प्रयास हो। सभा की कार्यकारिणी ने कहा कि सभा इसलिए नौका विहार करने की योजना का विरोध करती है कि क्योंकि ब्रह्मसरोवर एक पवित्र जलकुंड है,ना की नदी या झील। देश में किसी भी पवित्र तीर्थ में नौका विहार नहीं होता।
नौका विहार केवल नदियों झीलों या समुद्र इत्यादि में होता है। अगर किसी पवित्र जल कुंड में रोजाना नौका विहार होगा तो इससे यहां पवित्र जल में प्रदूषण और तमाम तरह की गंदगी फैलने का अंदेशा बना रहेगा,जिस पर अंकुश लगाना कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड और प्रशासन के लिए दूर की कौड़ी साबित हो सकता है। क्योंकि दो दिन पहले ही पवित्र सन्निहित सरोवर पर सरकार द्वारा अलाट किए गए वीटा बूथ में मांसाहार बनाने की घटना सामने आ चुकी है,जबकि इसके इर्दगिर्द प्रतिबंध के बावजूद नशे के कारोबार की कई शिकायतें पहले भी हो चुकी हैं और इस पर आज तक विराम नहीं लग सका है। ऐसे में अगर सरोवर में नौका विहार शुरु हुआ तो इसके पवित्र जल को भी अपवित्र करने की घटनाएं सामने आ सकती हैं और तब इसका जिम्मेदार कौन होगा? कार्यकारिणी का कहना है कि देश दुनिया से ब्रह्मसरोवर पहुंचने वाले तीर्थ यात्री इसके पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगाते हैं और जल का आचमन करते हैं। सभा के मुख्य सलाहाकार एवं कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के पूर्व सदस्य जयनारायण शर्मा एडवोकेट ने कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड और प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर नौका विहार की योजना को सिरे से खारिज नहीं किया गया तो सभा धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के प्रमुख धार्मिक,सामाजिक एवं राजनैतिक संगठनों के सहयोग से सड़कों पर उतर कर इसका विरोध जताएगी। उन्होंने यह भी बताया कि शीघ्र ही उचित माध्यम से महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन देकर प्रस्तावित नौका विहार योजना को रद करने की मांग की जाएगी और जरुरत पड़ी तो सभा का एक शिष्टमंडल राज्यपाल से भेंट भी करेगा। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड में कुछ ऐसे लोग काबिज हो चुके हैं कि जिन्हें सनातन परंपराओं का रत्तीभर भी ज्ञान नहीं है और वह गुपचुप तरीके से अपने निजी स्वार्थ के लिए नौकाविहार योजना को शुरू करना चाहते हैं। सभा ऐसे लोगों को भी बेनकाब करेगी। वहीं सभा की कार्यकारिणी ने सन्निहित सरोवर पर स्थित वीटा बूथ को रद्द करने के लिए जिला प्रशासन विशेष रूप से जिला उपायुक्त मुकुल कुमार तथा केडीबी के चीफ एग्जीक्यूटिव आफिसर अनुभव मेहता और वीटा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का आभार जताया। सभा के प्रधान महासचिव रामपाल शर्मा ने बताया कि इस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि हुडा के सेक्टर आठ में अलाट सवा 800 वर्गगज भूमि पर सभा शीघ्र ही मंदिर एवं सत्संग हाल का निर्माण कार्य शुरु करेगी। इस बैठक में यशेंद्र शर्मा, श्याम तिवारी, नितिन भारद्वाज, पृथ्वीनाथ गौतम, यशपाल शर्मा, मनोज कौशिक, विश्वकांत, मुकेश जोशी, बृजमोहन भार्गव, चंद्रप्रकाश, रघुबीर गौतम, रविप्रकाश, राजेश्वर कौशिक ने भाग लिया।