करनाल ( बातों बातों में / हरियाणा डेस्क ) हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव बजरंग गर्ग ने आढ़ती व राइस मिलरों से बातचीत करने के उपरांत कहा कि हरियाणा के किसानों की धान खरीद होने के बाद पड़ोसी राज्यों के किसानों का धान हरियाणा सरकार को तुरंत प्रभाव से खरीद करना चाहिए जबकि हरियाणा के साथ लगते राज्यों के किसान, आढ़ती व मिलरों का परिवारिक संबंध है और हमारा पड़ोसी राज्यों के साथ रोटी व बेटी का संबंध है। अगर पड़ोसी राज्य का किसान अपनी धान हरियाणा में बेचेगा तो हरियाणा सरकार को 4 प्रतिशत मार्केट फीस व आढ़तियों को कमीशन व मजदूरों को मजदूरी मिलेगी और जब किसानों को फसल के दाम मिलेंगे तो किसान हरियाणा में खाद्य, बीज व खेती में प्रयोग आने वाली दवाईयां, डीजल व जरूरत का सामान हरियाणा से ही खरीद करेगा। जिससे सरकार को टैक्स मिलने के साथ-साथ अन्य व्यापारियों का भी व्यापार चलेगा।
जबकि पड़ोसी राज्यों के साथ हरियाणा की काफी मंडियां लगती है जिसके कारण आढ़ती व किसानों का करोड़ों रुपए का आपसी लेन-देन चल रहा है। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि व्यापारी जो पड़ोसी राज्यों से जो चावल व जिरी अपने व्यापार के लिए मार्केट फीस व हर प्रकार का सरकारी टैक्स देकर सरकारी कानून के हिसाब से माल लाता है सरकारी अधिकारी अपने निजी स्वार्थ के लिए उस माल को रोक रहे हैं जबकि सरकारी अधिकारी को उस माल को रोकने का कोई अधिकार नहीं है।सरकार को सरकारी अधिकारियों को सख्त आदेश देने चाहिए कि जिस भी व्यापारी का धान व चावल सरकार मापदंड व कानून के हिसाब से लेकर आ रहा है तो उसे ना रोका जाए, जबकि हर किसान व व्यापारी का माल खरीद व बेचना का मौलिक अधिकार है। सरकार को मौलिक अधिकारों का हनन नहीं करना चाहिए। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकारी अधिकारी सेवा शुल्क लेने के लिए मंडी व मिलरों में छापामारी कर रहे हैं जबकि सरकारी खरीद एजेंसियां ही धान खरीद करके मिलों में लगाती है और उसका रखरखाव भी सरकारी एजेंसी के अधिकारी ही करते है ऐसे छापामारी करना उचित नहीं है।