चंडीगढ़ ( बातों बातों में / हरियाणा डेस्क) आज विश्व पर्यटन दिवस पर अंकित धारीवाल मेमोरयल ट्रस्ट द्वारा संचालित परियोजना वीमेन टीवी इंडिया नेटवर्क की ओर से ” पर्यटन के क्षेत्र में भारतीय महिलाओं की दशा दिशा और संभावनाएं “विषय पर ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया गया जिस में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी केरल के पूर्व मुख्य सचिव डॉ विश्वास मेहता ने मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार रखे ।प्रमुख वक्ता शिक्षाविद प्रोफेसर सुरजीत बूरा संयोजक पर्यटन एवम सेवा प्रदाता प्रबन्धन विभाग कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ,उद्यमी रोहित आर्य व उधमी अलका जून ,एवं सामाजिक कार्यकर्ता व शिक्षक राज कुमार जांगड़ा एवं ग्रामीण महिलायें फूलपति एवम खजानी देवी , एकल पर्यटक ज्योति ने भाग लिया और ने भी अपने विचार रखे ।
कार्यक्रम का संचालन सुनीता धारीवाल ने किया ।परिचर्चा की शुरुआत में प्रोफेसर बूरा ने बताया कि पर्यटन के क्षेत्र में महिलाओं की स्तिथि मे बदलाव आ रहा है महिला पर्यटकों की संख्या थोड़ी बढ़ी है जिस में हम एकल महिला पर्यटक और महिला समूह पर्यटको की संख्या बढ़ी है जिसका काऱण महिलाओं की आर्थिक स्थिति में आया बदलाव है आर्थिक उन्नति ने महिलाओं में निर्णय लेने की क्षमता का विकास हुआ है वह स्वतन्त्र देशाटन की ओर उन्मुख दिखाई देने लगी हैं ।परंतु भारत के स्तर पर सामाजिक सांस्कृतिक और आर्थिक कारणों से महिला पर्यटकों की भागीदारी अन्य देशों के मुकाबले कम दिखाई देती है ।महिलाओं को पर्यटन व्यवसायी के रूप में और पर्यटन में सेवा प्रदाता के रूप में भी स्थापित होना होगा ।सरकार को भी ऐसी नीतियों का निर्माण करना होगा जो महिलाओं के लिए अवसरों को सुलभ करें ।भारतीय प्रबन्धन संस्थान कोझीकोड से परास्नातक आर्या सटे होम्स के निदेशक उद्यमी रोहित आर्य ने बताया कि महिलाएं न केवल तीर्थ या पर्यटन के लिए यात्राएं करती है वे नौकरी और व्यवसाय के संदर्भ में भी यात्रा कर रही हैं और उन्हें रहने के सुरक्षित ठिकानों की जरूरत होती है । महिलाओं के सुरक्षा बहुत बड़ा मुद्दा है जो महिलाओं को यात्राएं करने और घूमने से रोकता है भारत मे महिलाओं पर केंद्रित सुरक्षित सुविधाजनक ठिकानों की जरूरत है। जिसमे महिलाएं स्वयं के घर में अनुपयोगी स्थान को व्यवसाय के रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं ।और आय अर्जित कर सकती है । इस से न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतराष्ट्रीय मुद्रा में भी आय के साधन हो सकते हैं ।
दिल्ली स्तिथ ऐ टू जेड कम्पनी की निदेशक उद्यमी अलका जून ने बताया कि सेवा के क्षेत्र में महिलाओं का कोई सानी हो सकता सेवा भाव महिलाओं में भरपूर है यह सामाजिक अभ्यास है व सहज गुण है इसलिए पर्यटन में सेवा प्रदाता के रूप में महिलाएं अधिक सफल हो सकती हैं महिलाओं को अपनी स्वयं निर्मित वर्जनाओं से बाहर आना होगा ।और उद्यमिता के लिए मानसिक रूप से तैयार होना होगा ।इस क्षेत्र में महिलाओं के लिए अवसरों की कोई कमी नही है केवल सही निर्णय और सही संपर्क की जरूरत होती है ।मुख्य अतिथि डॉ विश्वास मेहता ने कहा कि हम अपने देश की ब्रांडिंग कैसे करते हैं हम को यह समझना होगा ।हमारे त्योहार हमारी संस्कृति हमारी धरोहर ही हमारा पोस्टर हों जिसे दुनिया देखने आए ।हमने अपने ही कार्यक्रमो को अपने ही तरह से आयोजित करने है और उसी का अंतराष्ट्रीय प्रचार करना है ।हमारे टूर ओपरेटर या पर्यटन व्यवसायी भारत मे ही भारतीय पर्यटकों को रिझाने के कार्य नही करते है हम गोरे पर्यटकों को तरजीह देते है और स्थानीय पर्यटक की अवहेलना करते हैं जबकि स्थानीय पर्यटन का बाजार भी बहुत बड़ा है । पर्यटन का अर्थ केवल विलासिता नही है यह हमारी कला संस्कृति की अस्मिता से जुड़ा हुआ है ।अपने ही देश को जानना और दुनिया को बताना ।हम अपनी ही संस्कृति का ही तो परचम लहराना चाहेंगे ।इस के हमें सांस्कृतिक चेतना की जरूरत है सामाजिक सोच को बदलने की जरूरत है ।महिलाओ को अपनी सहज सेवा गुणों के कारण पर्यटन में अपनी भूमिका अदा करनी चाहिए ।सुनीता धारीवाल ने कहा कि पर्यटन से न केवल ज्ञान वृद्धि होती है बल्कि इस से आत्मविश्वास का भी संचार होता है । महिलाओं के लिए देशाटन के लिए माहौल प्रदान करने के लिए सामाजिक जागरूकता की अत्यंत जरूरत है।