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Thursday, September 19, 2024
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वामन द्वादशी मेला कुरुक्षेत्र का गौरवः गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद

कुरुक्षेत्र ( बातों बातों में /हरियाणा डेस्क ) तीर्थ पूजन और गीता यज्ञ के साथ दो दिवसीय वामन द्वादशी मेला का शुभारंभ गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद द्वारा किया गया। सन्निहित सरोवर पर श्री ब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा की ओर से आयोजित वामन कथा कार्यक्रम में गीता मनीषी मुख्यातिथि के रूप में पहुंचे। इस अवसर पर सभा के मुख्य सलाहकार जयनारायण शर्मा, प्रधान पंडित पवन शास्त्री, प्रधान महासचिव रामपाल शर्मा सहित अनेक पदाधिकारियों ने गीता मनीषी का पुष्प गुच्छ भेंट करके स्वागत किया। इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, केडीबी सदस्य राजेश शांडिल्य, श्रीप्रकाश मिश्रा, केके कौशिक, डॉ. सतदेव, श्याम तिवारी,नितिन भारद्वाज लाली, आरडी शर्मा सहित सभा के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सभा द्वारा संचालित कुरुक्षेत्र वेद संस्कृत विद्यालय के आचार्य नरेश कौशिक के नेतृत्व में वेदपाठी ब्रह्मचारियों ने मंत्रोच्चारण के साथ गीता मनीषी का अभिनंदन किया। गीता मनीषी ने मंत्रोच्चारण के साथ सन्निहित तीर्थ का पूजन किया और गीता यज्ञ में आहुति डाली। कार्यक्रम में सभा की ओर से गीता मनीषी ने श्रीमद्भागवत गीता का वितरण भी किया। तत्पश्चात वामन पुराण कथा का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। सरस्वती आयुर्वेदिक अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज मनाली के चिकित्सकों की टीम ने इस अवसर पर मेडिकल कैंप आयोजित किया। चिकित्सकों की टीम में चेयरमैन बीएल अग्रवाल, निदेशक, लोकश कुमार, शुभम अग्रवाल, चेयरपर्सन डॉ. नेहा शर्मा, डॉ. नितिका, डॉ. नितिन जुनेजा, डॉ. अभिषेक, प्रिंसीपल वीराज विलास जाधव, दीक्षा ठाकुर, सिमरनजीत कौर, हनी, महकनीत कौर, प्राची,लेविश व नवनींद्र कुमार शामिल थे। कॉलेज की ओर औषधीय पौधे वितरित किए गए।

           गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि वामन द्वादशी मेला कुरुक्षेत्र का समर्पित संक‌ल्पित भाव है। इस वामन द्वादशी मेले में नगर की सभी धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं का सद्भाव प्राप्त हुआ है। वामन द्वादशी का मेला कुरुक्षेत्र का गौरव है। एक समय आता है जब तीर्थ स्वयं को प्रकट करता है। यह वही समय है जब तीर्थ ने अपनी गरिमा को प्रकट किया है। हमारी संस्कृति परंपराओं, तीर्थों और अवतारों की संस्कृति है। 25 वर्ष के पश्चात वामन द्वादशी मेले का पूर्ण जागरण प्रभु के आशीर्वाद से ही हुआ है। उन्होंने कहा कि तीर्थ जीवंत परंपरा है। भारतीय परंपराओं में वामन भगवान का अवतार भगवान विष्णु का मानव के रूप में प्रथम अवतरण है। उन्होंने कहा कि गीता जयंती ने जिस प्रकार अंतरराष्ट्रीय स्वरूप पाया है उसी प्रकार वामन द्वादशी का यह मेला भी विशाल रूप धारण करेगा। गीता मनीषी ने श्री ब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार द्वारा आयोजित मेले में जीओ गीता की ओर से हर प्रकार का सहयोग देने की बात कही। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि इस आयोजन में केडीबी सहित नगर की सभी सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं का सहयोग है। प्रसिद्ध कथावाचक शुकदेवाचार्या ने व्यासपीठ से कथा की अमृत वर्षा करते कहा कि भगवान विष्णु का मानव के रूप में प्रथम अवतार वामन भगवान का हुआ था। उन्होंने दानवीर राजा बलि का अंहकार खत्म करने के लिए सूक्षम रूप मेें वामन अवतार लिया था।

इस अवसर पर सभा के मुख्य सलाहकार जयनारायण शर्मा ने गीता मनीषी का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हीं की प्रेरणा से वामन द्वादशी मेले का पुनः जागरण हुआ है। उन्होंने बताया कि सन्निहित सरोवर पर सभा की ओर से संध्या कालीन आरती शुरू की गई है। इस आरती स्थल का निर्माण जीओ गीता द्वारा कराया गया है। जय नारायण शर्मा ने मेले में सहयोग देने के लिए सभी तीर्थ पुरोहितों, केडीबी तथा नगर की सभी धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं का आभार जताया। कार्यक्रम का मंच संचालन सभा के प्रधान महासचिव रामपालशर्मा ने किया। उन्होंने मेले में विशेष सहयोग देने के लिए जीओ गीता, केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा तथा केडीबी सदस्य राजेश शांडिल्य का विशेष रूप से आभार जताया।

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