हिसार ( बातों बातों में /हरियाणा डेस्क ) देवीलाल- बादल-भाजपा ने मिलकर हरियाणा का शोषण किया, आज देवीलाल के वारिस भाजपा से मिलकर किसानों के साथ धोखा कर रहे हैं।
रणदीप लोहचब 24 जुलाई 1985 को तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने पंजाब में शांति स्थापित करने तथा हरियाणा को न्याय दिलाने के लिए अकाली नेता संत हरचंद सिंह लोंगोवाल के साथ संयुक्त हस्ताक्षर करके पंजाब समझौता किया था, जिस समझौते के अगले ही दिन प्रकाश सिंह बादल ने इसका विरोध करते हुए संत हरचंद सिंह लोंगोवाल को पंजाब का गद्दार बताया था, कुछ दिन बाद देवीलाल ने भाजप के साथ मिलकर समझौते के विरुद्ध आंदोलन चलाकर जन भावनाओं को अपने पक्ष में कर लिया था! समझौते में 15 अगस्त 1986 को एसवाईएल नहर का निर्माण पूरा किए जाने की शर्त लिखी गई थी, तथा 26 जनवरी 1986 को चंडीगढ़, पंजाब को तथा बदले में पंजाब के 40 हिंदी भाषी गांव के साथ 70000 एकड़ भूमि हरियाणा को उसी दिन दी जानी थी! हरियाणा के लिए नई राजधानी के निर्माण हेतु आवश्यक राशि दिया जाना अपेक्षित था! हरियाणा प्रदेश के लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करके स्वर्गीय देवीलाल ने सत्ता प्राप्त कर अपनी संतान को राजनीति में स्थापित कर लिया, समझौता रुक गया , प्रदेश की जनता के साथ विश्वासघात हुआ- जनता ठगी सी रह गई ।
देवीलाल- बादल ने मिलकर अपने स्वार्थ के लिए हरियाणा व पंजाब के किसानों को आपस में लड़ाया तथा अपना राजनीतिक स्वार्थ पूरा किया! प्रधान मंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी पंजाब के लोगों के दर्द को दूर करके पंजाब में अमन लाना चाह रहे थे, हरियाणा को नहर तथा पानी देकर न्याय करना चाहते थे, पंजाब के सबसे बड़े अकाली नेता संत हरचंद सिंह लोंगोवाल जो वास्तव में एक बड़े संत थे, के साथ हरियाणा तथा पंजाब के हित के लिए , संयुक्त हस्ताक्षर करके राजीव -लोंगोवाल समझौता किया था! समझौते के बाद एक महीना के भीतर ही संत की हत्या कर दी गई थी, पंजाब में बादल समझौते का विरोध कर रहे थे तथा हरियाणा में देवीलाल- भाजपा मिलकर समझौते का विरोध कर रहे थे, जनता उस समय नहीं समझ सकी, जिसे आज 36 वर्ष बाद समझ में आया है, की हरियाणा का तथा किसानों का जो नुकसान स्वर्गीय देवीलाल ने कर दिया उसकी कभी क्षतिपूर्ति नहीं हो सकती! किसान को बहका कर किसान तथा हरियाणा का शोषण किया, अपनी संतान को राजनीति में स्थापित किया, उसी देवी लाल के वारिस आज भाजपा के साथ सत्ता मैं मिलकर किसानों के साथ धोखा कर रहे हैं