श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को श्रावणी तीज कहते हैं I जनमानस में इसे हरियाली तीज,सिंधारा तीज एवं कजली तीज के नाम से भी जाना जाता है I यह पर्व श्रावण शुक्ल तृतीया तिथि को मनाया जाता है I इस बार हरियाली तीज 11 अगस्त , 2021 , बुधवार को चन्द्रमा सिंह राशि में , पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र ,शिव योग ,गर करण में मनाई जाएगी I
श्री दुर्गा देवी मन्दिर पिपली के अध्यक्ष व कॉस्मिक एस्ट्रो के डायरेक्टर ज्योतिषाचार्य डॉ.सुरेश मिश्रा ने बताया कि यह मुख्यतः स्त्रियों का त्यौहार है I इसे मां पार्वती के शिव से मिलन की याद में मनाया जाता है I ऐसी मान्यता है कि इस दिन ही विरहाग्नि में व्यथित देवी गौरी देवाधिदेव शिव से मिली थी व मिलन होने की प्रसन्नता से झूम उठी थी I इस दिन महिलाएं माता पार्वती की पूजा करती है I विवाहित महिलाएं अपने पीहर में आकर यह त्योहार मनाती है I इस दिन व्रत रखकर विशेष श्रृंगार किया जाता है I
इस पर्व पर विवाह के पश्चात् पहला सावन आने पर नवविवाहिता लड़की को ससुराल में नहीं छोड़ा जाता है I हरियाली तीज से एक दिन पूर्व सिंधारा मनाया जाता है I इस दिन नवविवाहिता लड़की की ससुराल से वस्त्र, आभूषण, श्रृंगार का सामान, मेंहन्दी एवं मिठाई भेजी जाती है I इस दिन मेंहन्दी लगाने का विशेष महत्व होता हैI
हरियाली तीज कैसे मनाये ? :
इस दिन सौभाग्यवती स्त्रियाँ व्रत रखती हैं और माता पार्वती की आराधना भगवान शिव और गणेश जी के साथ करती हैं। इस दिन महिलाएं विशेष तौर पर हरी साड़ी, हरे रंग की चूड़ी और सोलह श्रृंगार करती हैं। इस दिन कई स्थानों पर युवतियां झूले भी झूलती हैं।
इस दिन प्रातः काल आम एवं अशोक के पत्तों सहित टहनियां पूजा के स्थान के पास स्थापित झूले को सजाएं तथा दिन भर उपवास रखकर भगवान श्री कृष्ण के श्रीविग्रह को झूले में रखकर श्रद्धापूर्वक झुलाएं I साथ में लोक गीतों को मधुर स्वर में गाए I माता पार्वती की सुसज्जित सवारी धूम-धाम से निकाली जाती है I
इस दिन महिलाएं तीन संकल्प लें : 1. अपने पति से छल कपट नहीं करेंगी I
2. अपने रिश्तेदारों व लोगों से बुरा व्यवहार नहीं करेंगी I
3. दूसरों की बुराई नहीं करेंगी I