महिमा सिंह का पत्र CM मनोहर लाल के नाम

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मुख्यमंत्री के नाम, एक खुला पैग़ाम

श्री मनोहर लाल खट्टर

माननीय मुख्यमंत्री

हरियाणा

महोदय,

जय हिन्द।

अत्यंत वेदना व पीड़ा में ये पत्र आपको लिख रही हूँ क्योंकि गत 2 दिनों में हमारे शांति प्रिय प्रदेश के जो ह्रदय विदारक दृश्य सामने आये हैं वे 1966 से लेकर आज तक के हमारे प्रदेश के इतिहास पर कलंक हैं.

हमारे शांतिप्रिय प्रदेश हरियाणा को सदैव एक शांत, कृषि केंद्रित प्रदेश के रूप में जाना जाता रहा है और सांप्रदायिक हिंसा हमारे 57 वर्ष के इतिहास में कभी देखना तो दूर उसकी कल्पना भी नहीं की गयी. किन्तु ये दुखद है कि 31 जुलाई 2023 को नूह-मेवात के सीमावर्ती ज़िलों में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं ने हमारे प्रदेश के सौहार्दपूर्ण इतिहास में एक काला पन्ना जोड़ दिया है.

हमारे मुख्यमंत्री के रूप में आपसे प्रत्येक हरयाणा वासी की जो अपेक्षा है वो तब धराशायी होती दिखी जब आपने प्रदेश को सम्बोधित कर ये कहा की ये वारदात एक सोची समझी साज़िश जैसी लगती है. सूरत-ए-हाल व प्रभावित क्षेत्र से आती दिल दहला देने वाली ख़बरों से एक के बाद एक ऐसे तथ्य सामने आ रहे हैं जो प्रदेशवासियों के मन में कौतुहल पैदा करने के साथ साथ बहुत से संजीदा सवाल भी खड़े करते हैं जिनके उत्तर केवल आपके नेतृत्त्व वाली सरकार ही दे सकती है. इसलिए मैं हरियाणा वासी होने के नाते आपसे पूछना चाहती हूँ कि :

  1. घटना से एक सप्ताह पूर्व ही सरकार को नूह ज़िले के CID इंस्पेक्टर श्री विश्वजीत द्वारा सूचना दी गयी कि इस यात्रा को संवेदनशील इलाक़ों से नारेबाजी करते हुए व शस्त्र बल का प्रदर्शन करते हुए निकाले जाने की खबरें हैं जिसपर जवाबी कार्यवाही होने की भी सम्भावना है- तो फिर सरकार के द्वारा इस सूचना की अनदेखी क्यों की गयी? शांति सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता इंतज़ाम क्यों नहीं किये गए?
  2. सार्वजनिक यात्रा में जानलेवा शस्त्र बल किसकी अनुमति से लाये गए व उनका उत्तेजक प्रदर्शन किसके इशारे पर किया जाता रहा?
  3. मौजूदा प्रशासनिक सुरक्षा बलों ने शस्त्र बल को हवा में लहराते नारेबाजी होते देख तुरंत कार्यवाही क्यों नहीं की?
  4. घटना के 2 सप्ताह पहले से सोशल मीडिया पर गोरक्षक दलों व स्थानीय नागरिकों के बीच वीडियो से जंग छिड़ गयी थी, प्रशासन ने इस पर संज्ञान लेकर तत्काल कार्यवाही क्यों नहीं की?
  5. गत वर्षों में नूह-मेवात में निरंतर बढ़ रहे cyber क्राइम के बावजूद भी नूह मेवात की साइबर पुलिस द्वारा सोशल मीडिया पर चल रही वर्चुअल हिंसक वारदातों की अनदेखी क्यों की गयी?
  6. भीड़ के अनुसार पर्याप्त सुरक्षा बालों को तैनात क्यों नहीं किया गया?
  7. भाजपा के प्रवक्ता चंद वर्षों से निकाली जाने वाली इस यात्रा को राष्ट्रीय टीवी पर सदियों पुरानी बताकर पेश करते हैं- क्या कारण है की आपके प्रवक्ता मीडिया चैनेलों पर इस शोभा यात्रा के इतिहास की अतिश्योक्ति करके प्रस्तुत करते हैं?
  8. आपके नेतृत्त्व वाली भाजपा की सरकार आने के बाद ही दूध दही के लिए प्रचलित, भाईचारे के लिए जाने जाने वाले हमारे प्रदेश में 2016 के जाट आंदोलन जैसी हिंसा को अंजाम क्यों दिया गया?
  9. आपके राज्सहयोगी व हरयाणा के उप-मुख्यमंत्री क्यों कह रहे हैं की प्रदेश में बढ़ता सांप्रदायिक तनाव अभूतपूर्व है?
  10. आपकी सरकार के ही केंद्र मंत्री श्री राव इंदरजीत सिंह आज ये क्यों कह रहे हैं की प्रशासन के इंतज़ाम नाकाफी थे? वे पूछ रहे हैं की प्रशासन की नज़र के नीचे धार्मिक यात्रियों को तलवार,लाठी, डंडे जैसे हथियार किसने दिए?
  11. आपके दिए प्रत्येक नारे का विपरीत प्रभाव क्यों पड़ रहा है हमारे प्यारे प्रदेश पर? बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने के बाद से लिंगानुपात घट गया. हरियाणा एक हरयाणवी एक का नारा दिया आपने मगर आपकी सरकार की कार्यशैली इसके प्रतिकूल परिणाम क्यों ला रही है?

सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि जिस साज़िश की ओर आपका इशारा है उस साज़िश से आपकी सरकार नावाकिफ़ कैसे रही या ये नावाकफियत भी साज़िश का ही हिस्सा है?

मुख्यमंत्री जी, गुडगाँव हो या गुरुग्राम, हिंसा की बलि नहीं चढ़ना चाहिए. ये हरित प्रदेश हरयाणा है इसे रक्तरंजित होते देख हम सबकी आत्मा रो रही है. काश कि ये इत्तेफ़ाक़ ही हो कि 2014 से पहले कभी ऐसा कुछ यहां देखा सुना नहीं गया था. काश की आने वाला कल इस प्रदेश की धरती को कृषक की, हरि की धरती के रूप में ही जाने।

आपसे प्रत्येक हरियाणा वासी की ओर से करबद्ध प्रार्थना है की इस प्रदेश के हरेभरे साम्प्रदायिक इतिहास को रक्तरंजित न होने दें.

सत्यमेव जयते.

महिमा सिंह

एक व्यथित हरियाणा वासी 

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