कुरुक्षेत्र ( बातों बातों में /हरियाणा डेस्क )देशभर के मैरिटोरियस और प्रतिभावान छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए उचित अवसर और आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घडूआं द्वारा सीयूसीईटी-2022 प्रवेश परीक्षा का उद्घाटन किया गया, जिसके तहत भारतभर के छात्रों को 45 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप प्रदान की जाएगी। कुरुक्षेत्र, हरियाणा में सीयूसीईटी-2022 स्कॉलरशिप स्कीम के ऑनलाइन पोर्टल का विमोचन करते हुए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रो.चांसलर डॉ. आरएस बावा ने कहा कि आर्थिक समस्याओं के कारण अकसर योग्यवान छात्रों को शिक्षा और करियर के उचित अवसर नहीं मिल पाते हैं, इसलिए इसी समस्या के समाधान हेतु चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी द्वारा सीयूसीईटी-2022 प्रवेश परीक्षा के तहत 45 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप की घोषणा की गई है, जिसके तहत छात्रों को 100 प्रतिशत तक की स्कॉलरशिप दी जाएगी। डॉ. बावा ने बताया कि अपनी स्थापना के बाद से, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने प्रत्येक छात्र को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद करने के उद्देश्य से 63,000 से अधिक छात्रों को स्कॉलरशिप प्रदान की है। उन्होंने कहा कि पिछले साल 13,000 छात्रों ने सीयूसीईटी स्कॉलरशिप स्कीम का लाभ उठाया है। उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग, एमबीए, लॉ, फार्मेसी और एग्रीकल्चर कोर्सों में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों के लिए यह परीक्षा देना अनिवार्य होगा तथा देशभर के विद्यार्थी https://cucet.cuchd.in/ की वेबसाइट पर परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खेल के क्षेत्र में हरियाणा के छात्रों की उपलब्धियों के बारे में बात करते हुए डॉ. बावा ने कहा कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में राज्य के छात्रों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल के क्षेत्र में आश्चर्यजनक उपलब्धियां हासिल की हैं तथा यूनिवर्सिटी द्वारा जीते गए कुल मेडल में 60% पदक हरियाणा के छात्रों ने यूनिवर्सिटी के नाम किए हैं। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी द्वारा जीते गए प्रत्येक 10 मेडल में से 6 मेडल हरियाणा के छात्रों ने जीते हैं। उन्होंने बताया कि 2019-20 सेशन के दौरान यूनिवर्सिटी के खिलाडि़यों ने 46 गोल्ड, 38 सिल्वर और 49 ब्रांज मेडल सहित कुल 133 मेडल यूनिवर्सिटी के नाम किए हैं, जिनमें से 72 मेडल हरियाणा के छात्रों ने हासिल किए हैं। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूनिवर्सिटी द्वारा कुल 9 मेडल हासिल किए गए हैं, जिनमें से 4 मेडल, राष्ट्रीय स्तर पर 31 में से 21 और एआईआईयू चैंपियनशिप में 93 में से 47 मेडल हरियाणा के होनहार खिलाडि़यों ने हासिल किए हैं। उन्होंने कहा कि रोहतक की शशि चोपड़ा ने कजाकिस्तान और बुल्गारिया में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप में अपने शानदार प्रदर्शन से 2 गोल्ड और 1 सिल्वर मेडल जीतकर भारत को गौरवान्वित किया, जबकि हिसार की सोनिया ने साल 2020 में पेंकेक सिलाट में 3 गोल्ड और 3 सिल्वर मेडल जीते हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डॉ. बावा ने कहा कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, में पढ़ रहे हरियाणा के छात्रों ने न केवल खेल, बल्कि रिसर्च, प्लेसमेंट और स्टार्टअप के क्षेत्र में शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं। कैंपस प्लेसमेंट के बारे में बात करते हुए डॉ. बावा ने कहा कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी कैंपस प्लेसमेंट के दौरान नौकरी पाने वाला हर छठा छात्र हरियाणा से है। “चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में पिछली कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव में, कुल 7412 छात्रों को 757 मल्टीनेशनल कंपनियों से नौकरी के ऑफर मिले, जिनमें से 1140 छात्र हरियाणा के हैं, जो कि कुल कैंपस प्लेसमेंट का 16% है।”
अंबाला से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की छात्रा दिव्यांशी ने प्ले सिंपल गेम्स, एमडॉक्स, कॉग्निजेंट, विप्रो और टीसीएस वेव जैसी टॉप कंपनियों से 5 प्लेसमेंट ऑफर हासिल करने में कामयाबी हासिल की, जबकि गुरुग्राम से सीएसई के छात्र विशाल को हेक्सावेयर, अमेजन, इंफोसिस, कैपजेमिनी और डैफोडिल सॉफ्टवेयर ने 5 प्लेसमेंट ऑफर दिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा की लड़कियां महिला सशक्तिकरण की ओर ऐतिहासिक बदलाव का नेतृत्व कर रही हैं और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में हर क्षेत्र में उनका असाधारण प्रदर्शन और उत्कृष्ट उपलब्धियां इस बदलाव का प्रमाण हैं। उन्होंने कहा, “कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव के दौरान नौकरी पाने वाले हरियाणा के 1140 छात्रों में से 380 लड़कियां यानी 33 प्रतिशत संख्या लड़कियों की है।
हरियाणा के छात्रों और विशेष रूप से लड़कियों द्वारा रिसर्च और उद्यमिता के क्षेत्र में उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए, डॉ बावा ने बताया कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के छात्रों और शिक्षकों ने इंजीनियरिंग, आईटी, एग्रीकल्चर, साइंस और हैल्थ के क्षेत्र में 1300 से अधिक पेटेंट दायर किए हैं, जिसमें से 76 पेटेंट हरियाणा के छात्रों द्वारा फाइल किए गए हैं। यहां यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि साल 2018-19 के दौरान ऑफिस ऑफ दि कंट्रोलर जनरल ऑफ़ पेटेंट डिज़ाइन एंड ट्रेड माकर्स, भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार देशभर में सबसे अधिक पेटेंट फाइल करके चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी (एकल संस्थान के रूप में) ने पहला स्थान हासिल किया। डॉ. बावा ने कहा कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी द्वारा शुरू किए गए 108 स्टार्टअप में से 23 स्टार्टअप हरियाणा के छात्रों ने स्थापित किया गया है। काबिलेगौर है कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी कैंपस में उद्योग जगत की प्रख्यात कंपनियों की 30 से ज्यादा आधुनिक रिसर्च प्रयोगशालाएं और भारत सरकार द्वारा आईईडीसी तथा टेक्नोलॉजी बिजऩेस इनक्यूबेटर (टीबीआई) स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा यूनिवर्सिटी द्वारा छात्रों को नए-नए अनुसंधान कार्य करने में मार्गदर्शन और आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा 6.5 करोड़ रुपए सालाना बजट प्रस्तावित किया गया है।
“आधुनिक समय के युवाओं की विश्व स्तरीय शैक्षणिक शिक्षा प्राप्त करने की आकांक्षाओं को समझते हुए, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी भारत के अग्रणी विश्वविद्यालय के रूप में उभरी है, जिसने वैश्विक स्तर पर 68 देशों के 350 से अधिक टॉप विश्वविद्यालयों के साथ एक एकेडमिक टाईअप किया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के साथ चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, की साझेदारी छात्रों के लिए अकादमिक एक्सपोजर, वैश्विक पेशेवरों से रिसर्च, अंतर्राष्ट्रीय प्लेसमेंट, इंटर्नशिप और सीखने के अवसर प्रदान करती है। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के अंतर्राष्ट्रीय अकादमिक गठबंधन कार्यक्रम के तहत, अब तक 1500 से अधिक छात्रों को यूनिवर्सिटी के अंतर्राष्ट्रीय मामलों के विभाग द्वारा दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों में सेमेस्टर एक्सचेंज प्रोग्राम और इंटर्नशिप के अवसर प्रदान किए गए हैं। डॉ. बावा ने बताया कि यूनिवर्सिटी में आईएलईटीएस, जीमेट, स्कॉलरशिप टेस्ट के साथ-साथ वीज़ा के इंटरव्यू, आवेदन तथा डॉक्यूमेंटेशन आदि के लिए छात्रों को एक ही छत के नीचे तैयारी करवाई जाती है तथा उन्हें विदेशी विश्वविद्यालयों में ट्यूशन फीस, आवास के लिए 100 प्रतिशत तक की स्कॉलरशिप हासिल करने के अवसर मुहैया करवाए जाते हैं।
“चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी भारत के टॉप 5 प्रतिशत शिक्षण संस्थानों में से एक हैं, जिन्हें राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा A + ग्रेड से सम्मानित किया गया है तथा इस उपलब्धि के साथ, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी भारत के टॉप 24 विश्वविद्यालयों में शुमार है। साल 2020 में क्यूएस आईगेज रैंकिंग द्वारा डायमंड रेटिंग भी प्राप्त करके यूनिवर्सिटी ने देश के टॉप 20 संस्थानों में जगह बनाई है। इसके अलावा, क्यूएस एशिया रैंकिंग-2022 में शानदार प्रदर्शन के साथ चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं भारत ही नहीं, बल्कि एशिया की सबसे यंगेस्ट यूनिवर्सिटी बन गई है, जिसने अपनी स्थापना के 10 साल के भीतर और अपने पहले प्रयास में ही इस रैंकिंग में जगह बनाई है।