कुरुक्षेत्र ( बातों बातों में / हरियाणा डेस्क ) पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक अरोड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानून वापिस लिए जाने की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की जीत है और लोकतंत्र की जीत पर उन्होने किसानों को बधाई दी।
अरोड़ा ने कहा कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि होती है। प्रधानमंत्री मोदी ने अहंकार में डूबकर जनता की आवाज को नही सुना और लोकतंत्र का मजाक उडाया। किसान पिछले एक वर्ष से तीनों कृषि कानून वापिस लिए जाने और एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने की मांग को लेकर आंदोलन पर हैं लेकिन प्रधानमंत्री मोदी अहंकार में डूबे रहे, आखिरकार जनता ने उनका अहंकार तोड ही दिया। यह आंदोलन अब तक का सबसे बडा शांतिपूर्वक किसान आंदोलन है। सरकार ने आंदोलनरत किसानों को कभी खालिस्तानी तो कभी नक्सलवादी आंदोलन बताकर बदनाम करने का प्रयास किया और लोकतंत्र का उपहास उडाया। लगभग 700 किसान शहीद हो गए लेकिन प्रधानमंत्री सहित किसी भी भाजपा नेता या मंत्री ने इन किसान नेताओं को श्रद्धांजलि देना भी उचित नही समझा।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने तो इनको नकली किसान बताते हुए लोकतंत्र की खिल्ली उडाई। पूर्व मंत्री अरोड़ा ने मांग की कि शांतिपूर्वक आंदोलनरत किसानों को नकली किसान बताने वाले मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला तथा भाजपा-जजपा के अन्य सभी मंत्रियों व नेताओं को किसानों से माफी मांगनी चाहिए। उन्होने यह भी मांग की कि इस आंदोलन में मरने वाले किसानों को शहीद का दर्जा दिया जाए। इसी के साथ साथ अरोड़ा ने केंद्र सरकार से मांग रखी कि सरकार संसद में एमएसपी की गारंटी का कानून लेकर आए ताकि किसान अपने आप का सुरक्षित महसूस कर सकें।