कुरुक्षेत्र ( बातों बातों में / हरियाणा डेस्क ) कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन शोध केन्द्र द्वारा स्त्री शक्तिः द पेरलल फोर्स के सहयोग से मंगलवार को दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शी लीड्स का शुभारम्भ हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में महिला नेतृत्व को सशक्त करना है। महिला अध्ययन शोध केन्द्र की निदेशिका प्रो. सुदेश ने बताया कि सामान्यतः यह माना जाता है कि राजनीति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम होने का कारण उनकी स्वयं की इच्छा शक्ति का अभाव है। महिलाएं अपनी क्षमताओं को कम करके आंकती है। साथ ही उनके आसपास का वातावरण भी प्रेरणादायक नहीं होता है। अतः इन सभी अवरोधों को दूर करके महिलाओं को नेतृत्व की भूमिकाओं के लिए तैयार करना इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मोनिका सिंह, आई.आर.एस., एडिशनल कमिश्नर इनकम टैक्स, पानीपत ने अपने अनुभव सांझा करते हुए कहा कि आस-पास के सभी लोगों को लड़कियों को जज करने की आदत होती है। अतः दूसरों का सकारात्मक दृष्टिकोण पाने के लिए आपको भी अपना बेहतर दिखाना होगा। उन्हांने कहा कि शिक्षा के माध्यम से प्राप्त ज्ञान को अपने व्यवहारिक जीवन में प्रयोग करना चाहिए। युवावस्था विकास की चरम अवस्था होती है। अतः इस समय अपने जीवन के उद्देश्य को तय कर लेना चाहिए। विभिन्न भूमिकाओं में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक है अपने जीवन पर नियंत्रण हो, अपने व्यवहार को विकसित करें, निर्णय निर्माण में भागीदारी करें, अपने अधिकारों व कर्त्तव्यों को समझें, आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बने, अपने विचारों पर नियंत्रण रखें तथा स्वयं को विकसित करते रहें।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की डीन, फैकल्टी ऑफ सोशल साइंसेस प्रो. नीरा वर्मा ने कहा कि यह न भूलें कि आप महिला है साथ ही अपने आपको महिला होने के नाते सीमित भी न करें। सभी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाएं तथा असुखद वातावरण में भी प्रभावशाली ढंग से काम करें। उन्होंने आगे कहा कि हर परिस्थिति में अपनी कार्यकुशलता बनाए रखने के लिए रणनीतियां बनाएं तथा निरन्तर आगे बढ़ते रहें।
स्त्री शक्तिः द पेरलल फोर्स की संस्थापक सुश्री रेखा मोदी ने कहा कि हमारी संस्था महिलाओं द्वारा तथा महिलाओं की संस्था है जो समाज के लिए काम करती हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं जब तक अपने अधिकारों की मांग नहीं करेगी तब तक उन्हें पूरा नहीं किया जाएगा। इसके लिए उन्हें अपने व्यवहार में बदलाव लाना पड़ेगा तथा परिवार के सहयोग के साथ अपने जीवन के उद्देश्यों को आगे बढ़ाना पड़ेगा।
इंडियन स्कूल ऑफ डेमोक्रेसी से सुश्री अनीता मनोहरन ने सर्वोदय के भाव की व्याख्या करते हुए कहा कि महिलाओं की आबादी आधी होते हुए भी उनका राजनीति में प्रतिनिधित्व बहुत कम है। अतः महिलाएं स्वयं भी इसके लिए प्रेरित हों यह अत्यन्त आवष्यक है। राजनीति से ही देश के लिए सभी निर्णय लिए जाते हैं तथा लोकतंत्र चलता है। अतः इसमें महिलाओं की भागीदारी होने से नीति निर्माण में महिलाओं का दृष्टिकोण शामिल हो पायेगा। राजनीति कोई गलत व्यवसाय नहीं है बल्कि समाज सेवा का एक जरिया है, महिलाओं की भागीदारी यह सुनिश्चित कर पायेगा।
प्रशिक्षण के प्रथम दिन वाणी एवं अनीता मनोहरन ने आत्म पहचान तथा नेतृत्व गुणों के विकास पर चर्चा की गई। कल दूसरे दिन कान्ता सिंह एवं सुखदा प्रीतम नेतृत्व कौशल पर प्रशिक्षण देंगी। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की लगभग 50 छात्राएं भाग ले रही हैं तथा भावी नेता बनने का कौशल सीख रही हैं। इस अवसर पर प्रो. सुमेधा सिंह, डॉ. महासिंह पुनिया, सविता सेठी, प्रो. प्रीति जैन, प्रो. नीरा राघव, डॉ. वंदना दवे, डॉ. रमेश सिरोही, डॉ. महावीर आदि उपस्थिति थे।