करनाल ( बातों बातों में /हरियाणा डेस्क) भाकृअनुप-राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, करनाल ने दिनांक 21.10.2021 से 30.10.2021 के दौरान अनुसूचित जाति के लिए विकास कार्य योजना (डीएपीएससी) के अन्तर्गत “वैज्ञानिक डेरी में विस्तार पेशेवरों के कौशल” पर एक राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर तथा हरियाणा के लगभग 12 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। डॉ. एम.एस.चौहान, निदेशक, रा.डे.अनु.सं ने समापन भाषण में किसानों की आय को दुगुना करने में डेरी क्षेत्र की भूमिका और किसानों की आय और लाभप्रदता बढ़ाने में विस्तार कार्यकर्ताओं के संभावित योगदान पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र स्तर पर बेहतर कार्य निष्पादन के लिए ज्ञान और कौशल का निरंतर उन्नयन अत्यंत आवश्यक है। डॉ. चौहान ने आशा व्यक्त की कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अत्यधिक उपयोगी होगा क्योंकि विस्तार कार्यकर्ता अपना झुकाव संसाधन गरीब पशुपालकों को बताया जो दुग्ध उत्पादन में प्रभावशाली हैं। डॉ के एस कादियान ने प्रतिभागियों का स्वागत किया। डॉ के पोन्नुसामी, पाठ्यक्रम निदेशक, ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की उपलब्धियों और एनडीआरआई के विस्तार कार्यक्रमों जैसे किसानों के दरवाजे पर डेरी शिक्षा, किसान फार्म स्कूल, लाइव चारा संग्रहालय और महिला सशक्तिकरण प्रयोगशाला के लिए प्रशिक्षुओं के संपर्क पर प्रकाश डाला। डेरी विस्तार प्रभाग के प्रधान वैज्ञानिक डॉ बी एस मीणा ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।