हिसार ( बातों बातों में / हरियाणा डेस्क ) लखीमपुर खीरी जिले में उप मुख्यमंत्री का विरोध प्रदर्शन करने आए किसानों की गृह राज्य मंत्री मिश्रा के अनुयायियों द्वारा गाड़ियां चढ़ाकर हत्या कर डालना एक संगीन अपराध है, उनका बार-बार बयान दिया जाना कि न तो मैं घटनास्थल पर गया,न हीं मेरा बेटा वहां था , यदि मेरा बेटा वहां गया होता तो उसकी हत्या कर दी जाती! यह बयान स्वयं अपने आप में घटित सुनियोजित योजना को प्रदर्शित करता है! अपने अनुयायियों को अपराध में धकेल कर किसानों की हत्या करवा दी, प्रतिक्रिया में उनकी भी हत्या हुई जो अपनी किसी मजबूरी के कारण मिश्रा के षड्यंत्र का शिकार हो गए, इसलिए राज्यमंत्री मिश्रा दोहरे अपराध के दोषी हैं, आज प्रेस में जारी अपने बयान में न्यायपक्ष के अध्यक्ष रणदीप लोहचब ने यह बात कही, उन्होंने कहा कि सत्तासीन बड़े पदों पर बैठे जिम्मेवार लोग ऐसी भाषा का सार्वजनिक तौर पर इस्तेमाल करते हैं जो अहंकार से भरी होती है, चुनौती देने वाली होती है, जिसका अंजाम हिंसा होता है, मिश्रा द्वारा घटना से कुछ दिन पूर्व ऐसे ही बयान दिए गए थे जिसका परिणाम 8 लोगों की जान लेवा बना ! आम आदमी भी जानता है मरवाने वाला व्यक्ति उतना ही दोषी होता है जितना मारने वाला होता है! मिश्रा का घटना स्थल पर उपस्थित होना या न होना, अपराध को छिपा नहीं सकता क्योंकि किए गए अपराध की घटित परिस्थिति एवं घटना से पूर्व दिया गया बयान तथा 3 गाड़ियों में भेजे गए समर्थकों द्वारा किसानों को कुचल कर मार डालना उतना ही बड़ा अपराध है, जितना वहां उपस्थित होकर स्वयं हत्या करना होता है, निर्दोष प्रदर्शनकारी किसानों को क्रोध -आवेश – अहंकार की आग में अपने लोगों द्वारा गाड़ियां भेज कर कुचलने का षड्यंत्र रचा जाना बड़ा अपराध है! पड़ोसी देश पाकिस्तान के नेता जुल्फीकार अली भुट्टो को इसी बात के आधार पर अदालत ने फांसी पर चढ़ा दिया था ! भारत देश की न्याय प्रणाली पर देश की जनता को अभी तक पूर्ण विश्वास है! ग्रह जैसे विभाग के मंत्री पद पर आसीन मिश्रा को पद मुक्त किए बिना न्यायिक जांच आयोग को, जांच में निसंकोच प्रशासनिक सहयोग मिलना संदेह के घेरे में आता है, इसलिए गृह राज्य मंत्री मिश्रा को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त करके उनके पुत्र जिनके विरुद्ध किसानों ने एफ आई आर दर्ज करवाई है, उसे बिना देरी के गिरफ्तार किया जाना ही न्याय किए जाने को प्रदर्शित करेगा ।