गैरसैंण ( बातों बातों में /गौरव साह ) पेशावर कांड के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी की 42वीं पुण्यतिथि पर स्थाई राजधानी गैरसैंण की मांग को लेकर 17 दिनों से धरने पर बैठे आंदोलनकारियों ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली अमर रहे के नारों के साथ रामलीला मैदान गैरसैंण में स्थापित उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण व श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें याद किया। वहीं हमेशा से वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के नाम पर राजनीति करने वाले कांग्रेस,बीजेपी और उत्तराखंड क्रांति दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने चंद्र सिंह गढ़वाली को उनकी पुण्यतिथि पर याद करना भी उचित नहीं समझा। स्थाई राजधानी गैरसैंण की मांग को लेकर धरने पर बैठे प्रवीण सिंह काशी ने कहा कि सरकारों ने भराड़ीसैंण में बने विधानसभा भवन का नाम वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के नाम पर रख तो दिया पर आज के दिन उनकी पुण्यतिथि पर किसी भी पार्टी के नेता ने उन्हें याद करना भी उचित नहीं समझा। वहीं उन्होंने यूकेडी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यूकेडी ने गढ़वाली जी की मूर्ति की स्थापना गैरसैंण में तो कर दी किंतु उनके पास अब उन्हें याद करने का समय भी नहीं रह गया उनके लिए केवल गैरसैंण एक चुनावी मुद्दा मात्र रह गया है। भाजपा व कांग्रेस पार्टी पर भी उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस व भाजपा गढ़वाली जी के नाम पर राजनीति करती और राजनीतिक रोटियां सेकती हैं, लेकिन उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें महानायक गढ़वाली जी की याद तक नहीं आई। वही धरने पर बैठे अन्य आंदोलनकारियों ने भी भाजपा, कांग्रेस और यूकेडी को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के नाम पर राजनीति करने वाली पार्टी बताया।