मुख्यमंत्री के नाम : भारतीय किसान यूनियन ( चढूनी )के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश बैंस का पत्र
- हरियाणा की मंडियों में धान का सीजन पूरे जोरों से शुरू हो चुका है परंतु जब से मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल शुरू हुआ तब से किसानों की जी का जंजाल बना हुआ है आजतक किसानों आ रही दिक्कतों को सुनने वाला कोई अधिकारी नियुक्त नही है ओर न ही इस पोर्टल से संबधित कोई शिकायत केंद्र है समाधान को लेकर किसान अधिकारियों व कर्मचारियों के चक्कर लगा लगा कर परेशान होते रहते है परंतु समाधान कोई नही। आपसे विनती है प्रदेश की हर मंडी में शिकायत केंद्र बनाए या इस पोर्टल को बंद कर दे ताकि किसान इस पोर्टल से पहले की तरह खुले तौर पर मंडियो में अपनी बेच सके क्यूकी ये पोर्टल किसान को M.S.P. पर बेचने से वंचित रखता है ।
- मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल से किसानों द्वारा दर्ज करवाया गया काफी डाटा ख़त्म हो गया या किसानो के दर्ज करवाए गए एकड़ की सूचना को काफी कम दर्शा रहा है अब वे किसान अपनी फसल किस प्रकार बेच पाएगे जिससे लेकर किसान परेशान है अत आपसे विनती है की विभाग द्वारा किसानो द्वारा दर्ज फसल की सूचना की रसीद उपलब्ध कारवाई जाए ताकि किसान को पता हो उसकी कितनी फसल M.S.P.पर बिक पाएगी ।
- मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अधिकारीयों की इच्छा अनुसार ब्योरा दर्ज की एंट्री बंद कर दी गई है परंतु काफी किसान तकनीकी कारणो व अन्य करणों से अपनी फसल का ब्यौरा दर्ज नही करवा पाते टीबी वे किसान फसल कहा बेचे अत: विनती है इसे पोर्टल को तुरंत हटाया जाए ताकि किसान अपनी फसल सुचारु रूप से मंडी में बेच सके।
- किसानो की जमीनो के मुस्तरका खाते होने के कारण इस पोर्टल पर ब्योरा दर्ज करना मुश्किल है इसके साथ साथ कई किसान सरकारी जमीन, पंचायती जमीन, व सायमलती जमीनो पर खेती करते है उनका O.T.P. या B.D.P.O. के पास जाता है ओर B.D.P.O. किसानो को O.T.P. देते नही या आता ही नही तब किसान किस प्रकार अपना ब्योरा दर्ज करे ओर किस प्रकार मंडी में अपनी फसल बेचे इसलिए पोर्टल को हटाया जाए।
- मेरी फसल मेरा पोर्टल अनुसार धान की प्रति एकड़ पैदावार 30 किवंटल की खरीद निश्चित की गई है इस बार मोसम शुष्क रहा जिससे धान की प्रति एकड़ पैदावार ज्यादा होने की उम्मीद है आपसे विनती है इस 35 किवंटल किया जाए।
उपरोक्त सभी समस्यों के ध्यान में रखते हुए प्रदेश का किसान माँग करता है इस मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल तुरंत हटाया जाए क्योकि पोर्टल के कारण किसान अपनी पूरी फसल M.S.P. पर नही बेच पा रहा है जिससे किसानो को उनकी फसल के दाम नही मिल पा रहे है उसे आर्थिक नुकसान हो रहा है