कुरुक्षेत्र ( बातों बातोंं मेंं /हरियाणा डेस्क ) हरियाणा के पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक अरोड़ा ने शुक्रवार को कुरुक्षेत्र में सांसद नायब सैनी एवं अन्य भाजपा नेताओं के कार्यक्रम का शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे किसानों पर हत्या के आरोप जैसे संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज किए जाने की कडी आलोचना की है। अपने निवास पर पत्रकारों से वार्तालाप करते हुए अरोड़ा ने कहा कि किसानों को तो पुलिस ने घेर रखा था ऐसी स्थिति में किसानों द्वारा भाजपा नेताओं की कारों पर पत्थराव करने का सवाल ही पैदा नही होता। उन्होने आरोप लगाया कि जानकारी के अनुसार भाजपा नेताओं ने अपने ही कार्यकर्ताओं से पत्थराव करवाकर किसान आंदोलन को बदनाम करने का षडयंत्र रचा है। इस मामले की गहनता से जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कडी कार्रवाई की जानी चाहिए।
उन्होने कहा कि भाजपा के कार्यक्रम के नाम पर सैनी समाज धर्मशाला इलाके को सील करके जनता को परेशान किया गया। रास्ते किसानों ने नही बल्कि सरकार ने स्वयं बंद कर रखे हैं। उन्होने आरोप लगाया कि किसान आंदोलन को दिल्ली की सीमाओं से शिफ्ट करके हरियाणा सरकार प्रदेश के शहरों और कस्बों में लाना चाहती है। इसी षडयंत्र के तहत भाजपा के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ताकि टकराव की स्थिति पैदा हो और प्रदेश का शांतिपूर्ण माहौल खराब हो जाए। अरोड़ा ने आरोप लगाया कि किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए इसे कभी खालिस्तानी, कभी आतंकवादी आंदोलन बताया गया। कभी विदेशी फंडिंग का आरोप लगाया तो कभी कांग्रेस द्वारा प्रायोजित आंदोलन बताया। अरोड़ा ने कहा कि किसान तीनों कृषि कानून रद्द करवाने के लिए दलगत राजनीति से उपर उठकर आंदोलन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री की जिम्मेवारी बनती है कि वह प्रदेश में शांति व्यवस्था कायम रखे और भाजपा के टकराव पैदा करने वाले कार्यक्रम किए जाने चाहिए। गत दिवस कुरुक्षेत्र में भाजपा का जो कार्यक्रम था उसमें पार्टी कार्यकर्ता टकराव करने पर आमदा थे। कुरुक्षेत्र में भाजपा नेताओं की सुरक्षा के नाम पर पुलिस द्वारा रास्ते सील करके जनता को परेशान किया गया। भाजपा नेताओं ने स्वयं अपने कार्यकर्ताओं से अपनी कारों के शीशे तुडवाए ताकि किसानों को बदनाम किया जा सके। उन्होने कहा कि शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे किसानों को तो पुलिस ने घेरे में लिया हुआ था ऐसे हालात में किसानों द्वारा पत्थराव करने का सवाल ही पैदा नही होता।