करनाल ( बातों बातों में / हरियाणा डेस्क ) भाकृअनुप-राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, करनाल ने संस्थान परिसर के निवासियों में जागरूकता पैदा करने और स्वच्छता बनाए रखने के लिए 25/09/2021 को पार्थेनियम खरपतवार उन्मूलन अभियान का आयोजन किया है। डॉ. धीर सिंह, संयुक्त निदेशक (अनुसंधान), एनडीआरआई ने अभियान में भाग लेते हुए बताया कि पार्थेनियम हिस्टेरोफोरस एक विदेशी आक्रामक खरपतवार है, जो प्रति पौधे 5000 से 25000 बीज पैदा करता है और अपने हल्के वजन के बीज के कारण आसानी से दूर-दूर तक फैल जाता है। यह खरपतवार जानवरों, पौधों, लोगों और पर्यावरण के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है क्योंकि यह फसल भूमि, शहर के आवास तथा रेल और सड़क के किनारों सहित हर जगह मौजूद है।
इस हानिकारक खरपतवार के नियंत्रण करने की रणनीतियों में समाज के सभी वर्गों को शामिल करना, उनमें जागरूकता पैदा करने के लिए नियमित बैठकों और प्रदर्शनों का आयोजन करना, फूल आने से पहले खरपतवार को उखाड़ना और गड्ढे की विधि से खाद बनाना, ग्लाइफोसेट (1.0 से 1.5 प्रतिशत) या 2, 4-डी (1.0 से 1.5 प्रतिशत) जैसी जड़ी-बूटियों का छिड़काव करना तथा वर्षा ऋतु के दौरान संक्रमित क्षेत्रों में जाइगोग्रामा बायोकोलोराटा जैसे जैव-नियंत्रण एजेंटों को छोड़ना आदि शामिल है। डॉ. धीर सिंह ने पार्थेनियम खरपतवार के खतरे को खत्म करने और स्वच्छ, मजबूत और स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण के लिए सभी संबंधितों को एक साथ शामिल होने के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के स्वच्छ भारत अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. के. पोन्नुसामी ने किया।