हिसार ( बातों बातों में / हरियाणा डेस्क ) देश में 20% दलित आबादी है जो अधिकांश -उपेक्षित- पीड़ित- गरीब- मजबूर हैं ,इसके अनुसार हर पांचवां मुख्यमंत्री दलित होना चाहिए था! आज देश में जातिवाद व धर्म के दौर में मर्यादा सिद्धांत नैतिकता सत्य सब राजनीति से गायब हो गया है, जाति धर्म के नाम पर वोटों का ध्रुवीकरण किया जाता है, जनता के दर्द दुख के सब मुद्दे पीछे छूट जाते हैं, गरीबी बेरोजगारी मिटाने, समता समानता लाने, न्याय दिलाने जैसे सब बातें केवल बातें ही रह गई हैं, भावनाओं के साथ खिलवाड़ करके सताए प्राप्त की जाती हैं, इमानदार कहलाने वाले मुख्यमंत्री- प्रधानमंत्री भी पूंजीपतियों से पार्टी में चंदे के नाम से भारी धन एकत्रित करवाते हैं!
न्याय पक्ष के अध्यक्ष रणदीप लोहचब नेआज प्रेस वार्ता में यह बात कही,उन्होंने कहा कि आज देश में भाजपा पार्टी के कार्यालय पांच सितारा होटलों के सतर के बना दिए गए हैं! कौन सच्चा है- कौन झूठा है, कौन सही है- कौन गलत है, इसका निर्णय कर सच बोलने वालों का देश में अकाल पड़ गया है! अखबार टीवी चैनल को ऐड चाहिए, दलों को चंदा चाहिए- वोट के लिए जन भावनाओं से खिलवाड़ कैसे हो इसकी खोज चाहिए, आज देश की केंद्रीय इंटेलिजेंस एजेंसियों को भी हो सकता है सत्ता धारियों ने इसी काम पर लगा लगा दिया गया हो! कांग्रेस से निकलकर लोगों ने अपने दल बनाए, सताए प्राप्त की परंतु किसी ने दलित- गरीब को मुख्यमंत्री नहीं बनाया, सब ने अपनी राजनीतिक रोटियां सेकी, भाजपा अपने मुंह मियां मिट्ठू बनती रहे ,मीडिया से अपने गीत गवाती रहे परंतु भाजपा ने देश में किसी भी दलित को मुख्यमंत्री नहीं बनाया! स्वर्गीय काशीराम के कितने संघर्ष प्रयास दर्द सोच से उत्तर प्रदेश को एक दलित मुख्यमंत्री मिला, कैसे पंजाब में किसान के नाम पर देश में पंजाब प्रांत में पहली बार दीनबंधु स्वर्गीय छोटू राम ने किसान सरकार बनाई थी! आज देश को जन भावनाओं से खिलवाड़ कर सत्ता प्राप्त कर अपना स्वार्थ सिद्ध करने वाले लोगों की जरूरत नहीं, आज स्वर्गीय छोटूराम- काशीराम की देश को जरूरत है, जो अपने लिए नहीं बल्कि गरीब उपेक्षित पीड़ित मजबूर के कल्याण की सोच रखते हो, ऐसे लोग राजनीति में आकर ही ऐसा कर सकते हैं, क्योंकि लोकतंत्र में राजनीति लोकसेवा का श्रेष्ठ मार्ग है! रणदीप लोहचाब ने कहा पंजाब में दलित को मुख्यमंत्री बनाने के लिए उद्देश्य चाहे वोट साधना , किसी को गिराना या किसी की हेकड़ी तोड़ना रहा हो, परंतु पंजाब में कांग्रेस द्वारा एक दलित को मुख्यमंत्री बनाना एक अच्छी पहल है! इस प्रकार आने वाले समय में भी दलित मुख्यमंत्री देखने को मिल सकते हैं! दलों में यदि ऐसी स्पर्धा होगी तो इससे किसी दलित को अवसर मिलेगा ! इसे ही लोकतंत्र कहते हैं!