शाहाबाद ( बातों बातों में / हरियाणा डेस्क ) आरटीआई कार्यकर्ता राकेश बैंस ने बताया की उनके द्वारा पुन एक शिकायत पत्र महानिर्देशक सामाजिक न्याय एंव अधिकारिता विभाग चंडीगढ़ को पत्र मे लिखा है की उपरोक्त विषय को लेकर दिनांक 06.04.2015 को शिकायत पत्र दिया गया था।
जिसमें बुढ़ापा, विधवा, विकलांग, लाड़ली, पैशनों धारको के मृत्यु प्रमाण पत्रो तथ्यों के तौर पर पेश किए गए थे जिसकी जाँच में पार्षदों व अधिकारियों की मिलीभगती से भ्रष्टाचार के काफी महत्वपूर्ण बिन्दु फाइल पर आए थे ।जिससे विभाग की लाखों रुपए की रिकवरी हुई थी तथा उपायुक्त कुरुक्षेत्र दवारा बनाई जाँच कमेटी की रिपोर्ट में जिला समाज कल्याण अधिकारी कुरुक्षेत्र मिलीभगती तो स्पष्टतौर पर पाई गई थी दोषी होने व गबन के पैसे की रिकवरी होने के बाबजूद उच्च अधिकारियों दवारा दोषियो के खिलाफ होने वाली एफ़.आई.आर. को रोका गया व विभाग के उच्च अधिकारी दोषिगणों को बचाने में लगे रहे । अत: में छोटे दो कर्मचारियों को अश्वनी कुमार लिपिक व यशपाल सेवादार को निशाना बनाया गया ओर चार्जशीट देकर मामले को रफादफा करने की कोशिश की गई। हमारे द्वारा दोषिगणों को सजा दिलाने के लिए माननीय पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट मे याचिका दायर की हुई है जिसकी सुनवाई 27 अक्तूबर 2021 को निश्चित है।
इस सब के बाबजूद भी मौजूदा समय मे प्रदेश में अधिकारियों व पाषदों की मिलीभगती से भ्रष्टाचार का धंधा लगातार जारी व पूरे ज़ोर पर है उदाहरण के तौर पर जिसकी ताजा मिशाल सीता पत्नी सुदामा दास सपुत्र श्री चुन्नी लाल गोपी बिहार वार्ड नंबर 6 नजदीक कुटिया वाली गली शाहबाद मा जिला कुरुक्षेत्र है तथ्यों अनुसार सीता पत्नी श्री सुदामा दास गोपी विहार नजदीक कुटिया ने बताया कि जसबीर सैनी पार्षद द्वारा मेरे पति का झूठा मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर मेरी विधवा पेंशन स्वीकृत कारवाई गई । इस बात का पता उनको बैंक में लोन लेने गए ओर लोन का आवेदन करने के लिए उनके पति का आधार कार्ड माँगा गया ओर बैक अधिकारी ने बताया की रिकार्ड के अनुसार उनका पति इस दुनिया में नही है उनकी मृत्यु 2013 मे हो चुकी है जिसके बाद बताया की जसबीर सैनी पार्षद उनके घर आया और कहने लगा कि आपकी पेंशन नई योजना के तहत लग जाएगी और 1000/- रुपए सरकारी फीस लगेगी। जसबीर सैनी दोबारा सीता के पति का झूठा मृत्यु प्रमाण पत्र (प्रति संलग्न) बनाकर उनकी विधवा पेंशन मंजूर करवा दी जबकि उसका पति जीवित है। पति जीवित होने के बाबजूद पार्षदों द्वारा अपना वोट बैक पक्का करने के चक्कर मे भोली भाली जनता को गुमराह कर विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों से मिलीभगती कर भ्रष्टाचार के माध्यम से उनके जाली कागजात बनवाकर पैशने बनवाई जाती है ओर विभाग को वित्तीय चुना लगवाया जाता है । सब कुछ स्पष्ट होने के बाबजूद जिला कल्याण समाज अधिकारी ने अभी तक जाली दस्तावेज तैयार करने वाले व विभाग को गुमराह करने वाले के खिलाफ कोई मुक़दमा दर्ज नही करवाया जिला समाज कल्याण अधिकारी ने केवल सचिव नगरपालिका शाहबाद को पत्र क्रमांक 2285 दिनांक 30.06.2021 लिखकर जसबीर सैनी पार्षद वार्ड नंबर 9 के विरुद्ध कार्रवाई करने बारे की खानापूर्ति कर ली गई। जबकि नियमानुसार वित्तीय घाटा समाज कल्याण विभाग को हुआ या होना था या हो रहे है। तब केवल सचिव नगर पालिका शाहबाद किस आधार पर अपने पार्षद के खिलाफ कार्यवाही कर सकता है जबकि लाभ प्राप्तकर्ता की पैशन के सभी दस्तावेज भी समाज कल्याण विभाग के कर्मचारी द्वारा लिए जाते है पैशन के सभी दस्तावेज की जाँच की तमाम जिम्मेदारी जिला समाज कल्याण विभाग की है । यह तो उदाहरण के तौर पर एक मामला है इस प्रकार पूरे प्रदेश में सैकड़ो मामले है। “मेरे द्वारा दिनांक 06.04.2015 शिकायत पत्र में भी लिखा गया था की सिर्फ पैसे जमा करवाकर जाँच की खानापूर्ति कर अपनी रिपोर्ट में दोषी कर्मचारियों व पार्षदों को दोषमुक्त कर दिया जाता है जिससे मामलों में उच्च अधिकारी के कार्य पर शंका पैदा होती है की ये दोषियों के साथ मिले हुए है तभी तो भ्रष्ट कर्मचारी निडर होकर सरकारी पैसे का गबन करते है ओर सरकार को वित्तीय घटा पहुचने में लगे रहते है (यदि पकड़े गए तो पैसे वापिस कर दोष मुक्त हो जाएगे नहीं तो अपनी जेबे भरो की नीति पर काम करते है)”
उन्होने माँग की है की इस मामले के साथ साथ हरियाणा के पैशन लाभधारको की निष्पक्ष जाँच करवाकर दोषियों के विरुद कड़ी से कड़ी कानूनी कार्यवाही करते हुए मुक़दमा दर्ज करवाए जाए क्योंकि यह मामला भी पूर्व के मामलों की तरह उच्च अधिकारियों द्वारा अपने पद का दूरप्रयोग करना, दोषियों को सय देना, योजना के लाभ दिलाने के लिए भ्रष्टाचार के माध्यम से पैसे लेना, धोखाधड़ी, जाली दस्तावेज तैयार करके सरकारी पैसे के गबन का है इसलिए दोषियों से सरकारी गबन का पैसा वसूली कर सरकारी को वित्तीय सकंट से बचाया जाए ओर दोषियों के विरुद कड़ी से कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाए।