23.9 C
Kurukshetra
Friday, September 20, 2024
No menu items!
spot_img

देश में गन्ने के दाम सबसे अधिक हरियाणा में :डॉ पवन सैनी

कुरुक्षेत्र ( बातों बातों में / हरियाणा डेस्क ) भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री वह लाडवा के पूर्व विधायक डॉक्टर पवन सैनी ने कहा कि देश में गन्ने का सर्वाधिक भाव हरियाणा में दिया जा रहा है। इस बार भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के किसानों को गन्ने के भाव में 12 रूपये की बढोतरी कर 362 रूपये प्रति किवंटल देने का निर्णय लिया है। जोकि न केवल पंजाब से अधिक है बल्कि पूरे देश में सर्वाधिक हो गया है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री डॉ पवन सैनी शनिवार को गांव जोगी माजरा व ध्यागला में कार्यकर्ताओं से बातचीत कर रहे थे। हरियाणा भाजपा के प्रदेश महामंत्री ने कहा कि देश को खाद्यान्न के क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर’ बनाने में हरियाणा हरियाणा का विशेष स्थान रहा है। पिछले कुछ वर्षों में हरियाणा सरकार द्वारा कृषि के क्षेत्र में अपनाई गई नीतियों तथा किसानों की मेहनत की बदौलत हरियाणा छोटा-सा प्रदेश होते हुए भी पंजाब से काफी आगे निकल गया है।
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि हरियाणा प्रदेश द्वारा कृषि के मामले में हो रही प्रगति का एक बहुत बड़ा आधार राज्य सरकार की कृषि-नीतियां हैं। पंजाब राज्य का कुल क्षेत्रफल व कृषि योग्य भूमि बेशक हरियाणा से कहीं ज्यादा है परंतु पिछले 7 वर्षों में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की वर्तमान सरकार ने 21 फल व सब्जियों तथा 11 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करके खरीद करने का जो साहसिक निर्णय लिया है उसके मुकाबले पंजाब नजदीक भी नहीं ठहरता।


कृषि को किसी भी देश की आर्थिक रीढ़ माना जाता है। कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में गहन जानकारी रखने वालों की बात मानें तो हरियाणा पिछले 7 वर्षों के दौरान पंजाब से किसानी-व्यवसाय के क्षेत्र में चार-कदम आगे जा चुका है। हरियाणा से तुलनात्मक रूप से पंजाब के पिछड़ने के कारण चाहे जो भी रहे हों परंतु हरियाणा में विकास का मूल कारण मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में गत कुछ वर्षों में किसान-हित में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए सकारात्मक कदम हैं। प्रदेश महामंत्री पवन सैनी ने कहा कि किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम देने तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने के मामले में भी हरियाणा प्रदेश पंजाब से काफी आगे है। हरियाणा में 11 फसलें जिनमें गेंहू, जौ, चना, सूरजमुखी, सरसों, धान, मूंग, मक्का, बाजरा, कपास व मूंगफली शामिल हैं, को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाता है जबकि पंजाब में मात्र तीन फसलें गेंहू, धान व सूरजमुखी की ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की जाती है। हरियाणा में 21 प्रकार के फलों व सब्जियों के संरक्षित भाव निर्धारित करने के लिए जो ‘भावांतर भरपाई योजना’ शुरू की गई है उसकी चर्चा तो पूरे देश के किसानों में है। पंजाब में भावांतर भरपाई योजना जैसी कोई योजना ही नहीं है।

डॉ पवन सैनी ने कहा कि जब भी कोई प्राकृतिक आपदा आई तो उनके नुकसान की भरपाई समय पर होने से उनकी आर्थिक हालत संभल गई। सरकारी आंकड़ों के अनुसार करीब 17 लाख किसानों को लगभग 4,000 करोड़ रुपए बीमे के रूप में मिले। इतना ही नहीं, इसके अलावा 34 लाख से अधिक किसानों को 7,000 करोड़ रुपए की राशि भी अन्य नुकसान के भरपाई की एवज में दी गई। पंजाब के किसानों के लिए वहां की सरकार ने कोई भी फसल-बीमा योजना शुरू नहीं की है। इस अवसर पर मार्केट कमेटी लाडवा के पूर्व चेयरमैन मेघराज सैनी रविंद्र सैनी ,सुनील कुमार, अशोक कुमार सहित भारी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
22,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles