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Sunday, November 24, 2024
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श्री गणपति महाराज रिद्धि सिद्धि को प्रदान करते है


कॉस्मिक एस्ट्रो के डायरेक्टर और श्री दुर्गा देवी मन्दिर पिपली (कुरुक्षेत्र ) के अध्यक्ष ज्योतिष व वास्तु आचार्य  डॉ.सुरेश मिश्रा  ने बताया कि श्री गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है किन्तु महाराष्ट्र में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन गणेश का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी पर हिन्दू भगवान गणेशजी की पूजा की जाती है। कई प्रमुख जगहों पर भगवान गणेश की बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाती है।  गणेश चतुर्थी पर्व 10 सितम्बर 2021 ,शुक्रवार  को चित्रा नक्षत्र और ऐन्द्र योग में  मनाया जाएगा। हर साल यह पर्व भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी पर इस बार ग्रह नक्षत्रों का विशेष संयोग बन रहा है। 

चतुर्थी तिथि को श्री गणेश की उत्पत्ति : 

भगवान गणेश विघ्नहर्ता हैं I चतुर्थी तिथि को ही विघ्नों का नाश करने वाले और ऋद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश की उत्पत्ति हुई थी I  भगवान गणेश भक्तों की पुकार तुरंत सुनते हैं और मनचाहा वरदान भी देते हैं I 

श्री गणेश भगवान का प्रिय मोदक

भगवान गणेश जी की मूर्ति का मुंह पूर्व की दिशा की तरफ होनी चाहिए I श्री गणेश जी की पूजा शुरू करने से पहले संकल्प लेना होता है,इसके बाद भगवान गणेश का आह्वान किया जाता है I   भगवान गणेश के मंत्रों के उच्चारण के साथ मूर्ति की स्थापना की जाती है I भगवान गणेश को धूप, दीप, फूल, फल, मोदक, वस्त्र, अर्पित किए जाते हैं और आरती की जाती है I विशेष  प्रसाद में मोदक जरूर रखें क्योंकि भगवान गणेश को मोदक काफी प्रिय है I 

श्री गणेश चतुर्थी पर भूलकर भी ना देखें चांद :

श्री गणेश चतुर्थी के दिन गणेश उत्सव में भगवान गणेशजी की 10 दिन के लिए स्थापना करके उनकी पूजा-अर्चना की जाती है I कई राज्यों में गणेशोत्सव तीन दिन तक ही चलता है I  सम्पूर्ण पूजा के बाद में प्रतिमा का विसर्जन कर दिया जाता है I श्री गणेश चतुर्थी को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं जैसे एक मान्यता यह है कि इस दिन चंद्रमा का दर्शन करने से पाप लगता है I जो व्यक्ति इस दिन चंद्रमा के दर्शन कर लेता है उस पर झूठा आरोप लगता है I धार्मिक शास्त्रों  के अनुसार जब भगवान गणेश को हाथी का सिर लगाया गया तो उन्होंने पृथ्वी की सबसे पहले परिक्रमा की और प्रथम पूज्य कहलाए I  सभी देवताओं ने उनकी वंदना की, लेकिन अपने रूप के घमंड में चांद उन पर हंसने लगा I  इससे गणेशजी ने क्रोध  में आकर चंद्रमा को काले होने का श्राप दिया I चंद्रमा को गलती का अनुभव हुआ, उसने गणेश  भगवान जी से क्षमा याचना की I प्रसन्न होकर श्री गणेशजी ने कहा कि जैसे-जैसे सूर्य की किरणें उन पर पड़ेगी, उसकी चमक लौटेगी I विशेष अपने माता पिता ,बुजुर्गों ,ब्राह्मणों और जीव जंतुओं की सेवा और गरीबों की सेवा निष्काम भावना से करनी चाहिए I श्री गणेश जी का विशेष मंत्र और पाठ  : ॐ गंग गणपतये नमः और श्री गणेश स्तोत्र का पाठ करना चाहिए I  

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