कुरुक्षेत्र ( बातों बातों में / हरियाणा डेस्क ) श्री ब्राह्मण एवं तीर्थोदार सभा द्वारा संचालित कुरुक्षेत्र वेद संस्कृत विद्यालय में श्रावणी पूर्णिमा के अवसर पर नव प्रवेश पाने वाले 48 ब्रह्मचारियों का यज्ञोपवीत संस्कार किया गया। मुंडन कराकर सभी ब्रह्मचारियों ने भारतीय वेशभूषा धारण की और सबसे पहले विद्यालय के आचार्य नरेश कौशिक ने नेतृत्व में यज्ञ में पूर्ण आहुति डाली। इस अवसर पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने यज्ञोपवीत संस्कार करने वाले ब्रह्मचारियों को आशीर्वाद दिया।
गीता मनीषी ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय परंपरा और संस्कार से शिक्षा प्राप्त करने की पद्धति, व्यवहारिक और वैचारिक होने के साथ-साथ वैज्ञानिक भी है। भारतीय परंपरा में हर तीज त्यौहार को उत्सव की तरह मनाया जाता है। सनातन पद्धति से प्राप्त शिक्षा मूल्यगत शिक्षा है। इस शिक्षा में परंपरा और संस्कृति का विशेष महत्व है। पश्चिमी जगत में नैतिक मूल्यों और संस्कारों का कोई स्थान नहीं है, जबकि भारतीय परंपरा में संस्कारों और मूल्यों को उच्च स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा द्वारा संचालित वेद विद्यालय में सनातन पद्धति की नींव मजबूत करने का कार्य किया जा रहा है। यज्ञोपवीत संस्कार से बच्चों की नींव मजबूत होती है। हमारी हर परंपरा व संस्कार वैचारिक व्यवहारिक व वैज्ञानिक महत्व रखती है। उन्होंने घोषणा की कि इस वेद विद्यालय के जो विद्यार्थी संपूर्ण गीता को कंठस्थ करेंगे, उन्हें जीओ गीता की तरफ से आर्थिक पैकेज सहित अन्य प्रोत्साहन भी दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभा के मुख्य सलाहकार जयनारायण शर्मा ने इस विद्यालय में प्रतिदिन एक घंटा गीता पाठ करवाने का जो निर्णय लिया है उससे बच्चों में गीता के प्रति लग्न पैदा होगी।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद का वेद विद्यालय में पहुंचने पर सभा के मुख्य सलाहकार जयनारायण शर्मा ने स्वागत करते हुए कहा स्वामी ज्ञानानंद का जीवन गाय और गीता के प्रति समर्पित है। उन्होंने घोषणा कि की विद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को प्रतिदिन एक घंटा गीता पाठ पढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा की गीता मनीषी भारतीय सनातन परंपरा को संजोए रखने के लिए दिन रात प्रयास कर रहे हैं। जयनारायण शर्मा ने बताया कि यह वेद विद्यालय सभा द्वारा 1997 से संचालित किया जा रहा है। विद्यार्थियों को कर्मकांड की निशुल्क शिक्षा देने के साथ-साथ छात्रावास की सुविधा भी सभा द्वारा प्रदान की गई है।
इस अवसर पर गीता मनीषी द्वारा सभा के मुख्य सलाहकार जयनारायण शर्मा, प्रधान पवन शास्त्री, प्रधान महासचिव रामपाल शर्मा, संरक्षक डॉ. सत्यदेव,अखिल भारतीय सारस्वत ब्राह्मण सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व पार्षद नरेंद्र शर्मा निंदी, श्यामसुंदर तिवारी, विजय अत्री, नितिन भारद्वाज लाली, मातृभूमि सेवा मिशन के संचालक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र, यशपाल शर्मा, मनोज कौशिक, मुकेश जोशी, जगन्नाथ, ज्ञान पराशर, आचार्य नरेश शर्मा, डॉ. विनोद शर्मा, रमाकांत शर्मा, राजीव अच्चू स्वामी, नीरज शर्मा, हंसराज चोपड़ा, केडीबी सदस्य विजय नरूला को सभा की ओर से स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर स्वर्गीय बलराम शांडिल्य की धर्मपत्नी राजबाला, निवांशु शांडिल्य, रामफल कौशिक, रामनिवास शांडिल्य, रमाकांत शर्मा, परमानंद वशिष्ठ, गीरिराज प्रसाद, कृष्णा वशिष्ठ, डॉ. केवल कृष्ण, तरसेम कौशिक, योगेश, राघव, राजीव, नीरज, शशीकांत सहित अनेक गणमान्य लोग व ब्रह्मचारियों के अभिभावक उपस्थित थे।