कुरुक्षेत्र ( बातों बातों में / हरियाणा डेस्क ) गीता ज्ञान संस्थानम् में श्री कृष्ण कृपा परिवार व जीओ गीता द्वारा आयोजित दिव्य गीता सत्संग के प्रथम दिन व्यासपीठ से अमृत वर्षा करते हुए गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि गीता में विश्व की हर समस्या का समाधान है। गीता एक मातृ ऐसा ग्रंथ है जो स्वयं भगवान श्रीकृष्ण के मुख से गाया गया है। कथा प्रारंभ होने से पूर्व एनआईटी के प्रोफेसर पंकज चानना, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सुनील भारती, भाजपा नेता जयभगवान शर्मा डीडी, जजपा सेवा दल के प्रदेशाध्यक्ष मायाराम चंद्रभानपुरा तथा अश्विनी अरोड़ा ने दीप प्रज्ज्वलित कर सत्संग का शुभारंभ किया और गीता जी पर पुष्प अर्पित किए।
गीता मनीषी ने अपने संबोधन में कहा कि गीता उपदेश के दो केंद्र हैं। गीता उपदेश का मुख्य केंद्र कुरुक्षेत्र है, जबकि दूसरा हस्तिनापुर। कुरुक्षेत्र में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को दिव्य दृष्टि देकर विराट रूप दिखाया था, जबकि हस्तिनापुर में महर्षि वेदव्यास के आशीर्वाद से संजय ने दिव्य दृष्टि प्राप्त करके महाभारत का आंखों देखा हाल महाराजा धृष्ट राष्ट्र को सुनाया था। उन्होंने कहा कि दिव्य दृष्टि या तो स्वयं भगवान से मिलती है या भगवान से आशीर्वाद प्राप्त उच्च कोटी के संत महात्मा के आशीर्वाद प्राप्त होती है। महर्षि अष्टावक्र प्रसंग का उल्लेख करते हुए गीता मनीषी ने कहा कि शारीरिक विकलांगता किसी भी कार्य में आड़े नहीं आती।
उन्होंने कहा की गीता को लेकर यह मान्यता बना दी गई की गीता जटिल शास्त्र है, जबकि गीता में ऐसी कोई जटिलता नहीं है। गीता में समरसता है। विषमता का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने गीता के संबंध में लिखा है कि गीता में हर समस्या का समाधान है। गांधी जी कहा करते थे भारतवासी होकर और विशेषकर हिंदू होकर जो गीता को नहीं समझता उससे शर्मनाक बात कोई हो ही नहीं सकती। ज्ञानानंद ने कहा कि कुरुक्षेत्र के हर बच्चे को गीता का ज्ञान होना चाहिए। विदेशों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गीता जयंती महोत्सव आयोजित होने से विश्व भर में कुरुक्षेत्र की पहचान बनी है। जीओ गीता इसी प्रयास में जुटी हुई है कि घर-घर तक गीता का ज्ञान पहुंचे और हर घर में गीता का पाठ हो। इसके अतिरिक्त स्कूलों में गीता का पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए भी जीओ गीता कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि गीता में 574 श्लोक स्वंग भगवान के मुख से निकले हैं, जबकि 85 श्लोक अर्जुन द्वारा कहे गए हैं, 40 श्लोक संजय द्वारा बोले गए हैं, जबकि पुत्रमोह में फंसे धृष्ट राष्ट्र द्वारा केवल एक श्लोक कहा गया है। कार्यक्रम का मंच संचालन श्री कृष्ण कृपा समिति के महासचिव सुनील वत्स ने किया। इस अवसर पर कृष्ण कृपा समिति के प्रधान हंसराज सिंगला ने सत्संग में आने वाले गणमान्य लोगों व श्रद्धालुओं का स्वागत किया।