चंडीगढ़ (रणदीप रोड़/बातों बातों में )देश भर से महिलाओं ने डेयर टू शेयर योर फर्स्ट पीरियड स्टोरी में अपने वीडियो भेजे और इस वर्जित विषय पर अपने अनुभव सांझा किये ।यह अवसर था विश्व मासिक धर्म स्स्वास्थ्य दिवस पर अंकित धारीवाल मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा ऑनलाइन राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन जिस में राष्ट्रीय महिला आयोग की अद्यक्षा रेखा शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई और अपने विचार रखे ।रेखा शर्मा ने कहा एक तरफ तो औरतें स्पेस तक की दौड़ लगा रही है मंगल तक उड़ान भर रही है दूसरी तरफ अभी भी मासिक धर्म की साधारण सी जैविक प्रकिया को सामान्य समझे जाने के लिए संघर्ष करती दिखाई दे रही हैं ।उन्होंने कहा कि हमें न तो इस प्रक्रिया को महिमा मंडित करने की जरूरत है न ही इससे लज्जित होने की जरूरत है इस के प्रति दुर्भवनाओ दुराग्रहों व गलत मानसिकता को हटाने के लिए समाज के जागरूक होने की जरूरत है,चुप्पी तोड़ कर आपस में बात करने की जरूरत है ।परिवार में पिता को भी बेटियों के साथ सहजता से सम्वाद कर उनकी मुश्किलों को असुविधाओं को समझ कर उन्हें हल करने में सहयोग करना चाहिए ।पूर्व धारणाएं तरह तरह के मिथ किसी एक जैविक प्रक्रिया को जटिल बनाती है जिसे रोका जाना चाहिए ।सामाजिक जागरूकता के इस प्रकार के कार्यक्रम सामाजिक सोच में परिवर्तन लाने की दिशा में सार्थक भूमिका निभाते हैं ।उन्होंने सभी आयोजको को बधाई दी और मेरी पहली महावारी का अनुभव भी सुनाया । युवा प्रशासनिक अधिकारी ईशा दुहन ,निदेशक वाराणसी विकास प्राधिकरण ने इस कार्यक्रम में बताया कि सरकार विभिन्न योजनाएं के माध्यम से भरपूर प्रयास कर रही हैं कि महिलाओं को पोषण मिले उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें।सामाजिक सोच को बदलने के लिए जन भागीदारी ही आवश्यक होती है किसी भी बदलाव के लिए और स्थापित गलत जानकारी ,धारणाओं को बदल कर सही वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाया जाना चाहिए जिस से सब टैबू खत्म होते हैं और जीवन मे सरलता आती है ।जागरूकता से गलत जानकारी रोकथाम होती है और सही विचार से सामाजिक विचार बनने लगता है । बच्चियों युवतियों और महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए मासिक धर्म का सही स्वच्छ प्रबंधन और निपटान जरूरी होता है । मणिपुर से मेजर प्रोफेसर मोती माला ने बताया कि मणिपुर में हिन्दू धर्म मान्यता अनुसार ही महिलाओं के मासिक धर्म को देखा जाता है इन दिनों महिलाओं को पांच दिन आराम करने देने के लिए ही उन्हें अलग थलग रखा जाता था जो आज भी है परंतु अब बदलाव है क्योंकि महिलाएं कामकाजी हो रही है और घर से बाहर निकल रही है ।डॉ विजय राघवन ने कहा कि मीडिया में इन विषयों को चर्चा करने से समाज मे बदलाव आता है ,डॉ अर्चना वर्मा , भारत प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ संगठन की उपाध्यक्ष ने भी बताया कि कोविड में महिलाएं पीरियड के दौरान टीका लगवाने से न हिचकिचाएं और उन्होंने महिलाओं के स्वास्थ्य सम्बन्धी प्रश्नों के उत्तर भी दिए । राष्ट् स्तरीय इस कार्यक्रम उद्यमी , दीपिका बाहरी ,रोट्रेक्ट अध्यक्षा एस डी कॉलेज सुश्री निपुण शर्मा ,श्वेता जाजू ,डॉ कल्पना गगड़ानी ,मुम्बई , श्रीमती विनीत दुआ काउंसलर -भटिंडा पंजाब ,व डॉ अंजना गर्ग , सुश्री रजनी भल्ला ,शिक्षाविद एवं अन्य गणमान्य अतिथियों ने भाग लिया और विचार रखे ।प्रोफसर अंजना गर्ग द्वारा औपचारिक धन्यवाद किया गया । यह कार्यक्रम women Tv India के डिजिटल प्लेटफार्म पर अंकित धारीवाल मेमोरियल ट्रस्ट और डोरी सखी चेन्नई द्वारा आयोजित किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता ट्रस्ट की अध्यक्ष विभाति पढियारी ने की व कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट की महासचिब , अधिवक्ता रिम्पल सोही ने किया ।कार्यक्रम का संयोजन डोरी सखी टीम सदस्य नीलम सारडा ,पायल गोदानी ,और शोभना सीकची ने किया ।इस कार्यक्रम में वीडियो प्रतियोगिता के परिणाम भी घोषित किये गए ।प्रतियोगिता में विजेताओं के नाम इस प्रकार हैं – प्रोमिला सैनी कुरुक्षेत्र , गौरी, काजल शाह कलकत्ता , पायल गोइदानी चेन्नई ,दर्शना, अंजल धानी , काजल गुप्ता, पूनम कपूर दिल्ली ,पुष्पा शर्मा गुड़गांव ,चेतना माहेश्वरी, निशा, प्रतिभा, प्रीति और सुनीता खोखा मंजू अरोड़ा, पूनम कुमारी, वंशिका कक्कड़ , शिखा, भारती, संगीता पटपाटिया, सुदेश नूर और मानसी तथा अंतिम ललिता गुप्ता, इंदिरा गुप्ता, सोनिया गुप्ता, साक्षी, दीपिका, आकांक्षा गर्ग और सिमोन,अंजनी त्रिपाठी, संगीता जेना के वीडियो को विजेता चुना गयासभी प्रतिभागियों को प्रसंशा पत्र व गिफ्ट हैंपर दिए जाएंगे ।प्रथम द्वितीय व तृतीय को नकद प्रोत्साहन राशि दी जाएगी