कॉस्मिक एस्ट्रो के डायरेक्टर व श्री दुर्गा देवी मन्दिर पिपली (कुरुक्षेत्र) के अध्यक्ष डॉ. सुरेश मिश्रा ने बताया कि महात्मा बुद्ध जयंती 26 मई 2021,वैशाख मॉस ,पूर्णिमा , बुधवार,अनुराधा नक्षत्र,शिव योग ,वृश्चिक राशि के चन्द्रमा में मनाई जाएगी I इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था और कठिन साधना के बाद बुद्धत्व की प्राप्ति भी हुई थी। यह पर्व हिंदू और बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों के लिए बहुत विशेष है। ऐसी मान्यता है कि बुद्ध भगवान श्री हरि विष्णु के 9वें अवतार थे। भगवान बुद्ध ने 29 वर्ष की आयु में सन्यास धारण कर लिया था। उन्होंने बोधगया में पीपल के पेड़ के नीचे 6 साल तक कठिन तप किया था। वह बोधि वृक्ष आज भी बिहार के गया जिले में स्थित है। बुद्ध भगवान ने अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया था। भगवान बुद्ध 483 ईसा पूर्व में वैशाख पूर्णिमा के दिन ही पंचतत्व में विलीन हुए थे। इस दिन को परिनिर्वाण दिवस कहा जाता है।भारत के कई राज्य जैसे अरुणाचल प्रदेश ,नागालैंड ,उड़ीसा ,आसाम ,त्रिपुरा ,मेघालय में कम समय के लिए खग्रास चंद्रग्रहण दिखाई देगा I ग्रहण प्रारम्भ दोपहर 3 बजकर 15 मिन्ट से 6 बजकर 23 मिन्ट पर समाप्त होगा I
विदेशों में जापान ,सिंगापूर ,बर्मा ,ऑस्ट्रेलिया,उत्तरी और दक्षिण अमेरिका,प्रशान्त तथा हिन्द महासागर में दिखाई देगा I विशेष भगवान का ध्यान ,सुमिरण ,जाप ,दान ,तीर्थ स्नान आदि करें I कोरोना काल में सरकार के नियमों को पालन करना चाहिए I ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रग्रहण के दिन सफेद वस्तुओं का दान करना लाभकारी रहता है। संपत्ति या धन संबंधित समस्याएं बनी हुई है तो चन्द्र ग्रहण के दिन तिल का दान करना लाभप्रद रहता है।चंद्रग्रहण के पश्चात दूध का दान करने से माता लक्ष्मी और भगवान नारायण का आशीर्वाद प्राप्त होता है। चांदी का दान बहुत विशेष होता है। इससे व्यक्ति को कुशाग्र बुद्धि एवं धन – वैभव से सम्पन्नता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जरूरतमंद और सुपात्र व्यक्ति को श्रद्धा और भक्ति पूर्वक दान करना चाहिए क्योंकि भगवान आपकी भावना को देखते है I विशेष प्रार्थना सभी करें कि सभी स्वस्थ हो ,सभी सुखी हो और सभी का मंगल हो I